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लोक संस्कृति

वैश्विक संस्कृति में श्रीराम एवं रामकथाएं

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और उनकी यशगाथा रामायण केवल भारत में नहीं अपितु पूरे संसार रची बसी है। बीस से अधिक देशों में उनकी अपनी लोकभाषा में रामायण उपलब्ध है। अनेक देशों के पुरातात्विक अनुसंधान में राम सीता जैसी छवियाँ, काष्ठ या भीति चित्र मिले हैं। राम और रामायण की …

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संगीत और नृत्य का संगम प्रो. कल्याणदास महंत

नृत्य सम्राट प्रो. कल्याणदास, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय नियुक्त बड़ी हस्तियों में थे। वे छुट्टी के दिनों में बराबर अपने निवास स्थान रायगढ़ आते थे, जहाँ उनका स्वयं का मकान है। परिवार उस समय यहीं था। उन दिनों हम लोगों की चक्रधर कला परिषद हुआ कल्याण दास महन्त लेखक के …

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कार्तिक की कीर्ति कथा है आंवला नवमी

आंवला रसायन है और कल्प दृष्टा भी। उसके प्रति कायाकल्प जैसी रसायन सम्मत और आयुर्वेदिक मान्यता यूंही नहीं जुड़ गई। ऋषि च्यवन की कहानी में कितने सूत्र इस फल के गुण और उपयोग के हैं! आयुर्वेद की कहानियां हम कम ही सुनते सुनाते हैं। यह कार्तिक की कीर्ति कथा है। …

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सम्पूर्ण जगत का कर्ता सूर्य : छठ पूजा विशेष

मानव ने धरती पर जन्म लेकर सबसे पहले नभ में चमकते हुए गोले सूर्य को देखा। धीरे-धीरे उसने सूर्य के महत्व समझा और उसका उपासक हो गया। सूर्य ही ब्रह्माण्ड की धुरी है। जिसने अपने आकर्षण में सभी ग्रहों एवं उपग्रहों को बांध रखा है। इसका व्यवहार किसी परिवार के …

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गोधन की आराधना का पर्व गोवर्धन पूजा

त्यौहारों का भारतीय लोकजीवन में अत्यधिक महत्व है, उत्सवधर्मिता जनमानस में कूट कूट कर भरी है। आज गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और …

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छत्तीसगढ़ का सुरहुति तिहार दीपावली

वर्ष भर की प्रतीक्षा उपरांत लो आ गई त्योहारों की रानी दीपावली। प्रकाश, पवित्रता, हर्षोल्लास और स्वच्छता का पर्व दीपावली जनमानस में उत्साह और ऊर्जा का संचार करता है। यह पर्व संपूर्ण भारत वर्ष के साथ ही विश्व के दूसरे भू भागों में भी मनाया जाता है जहां भारतवंशी रहते …

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जीवन की साधना के उत्सव हैं दीपोत्सव के पाँच दिन

भारत का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार दीपावली है। यह पाँच दिवसीय दीपों का उत्सव है। जो कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रियोदशी से आरंभ होकर कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया तक चलता है। पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन रूप चतुर्दशी, तीसरे दिन दीपावली, चौथे दिन गोवर्धन पूजन और पाँचवे दिन भाई दूज से इस …

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ऐश्वर्य की महादेवी महानदी

मानव सभ्यता का उद्भव और संस्कृति का प्रारंभिक विकास नदी के किनारे ही हुआ है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में नदियों का विशेष महत्व है। भारतीय संस्कृति में ये जीवनदायिनी मां की तरह पूजनीय हैं। यहां सदियों से स्नान के समय पांच नदियों के नामों का उच्चारण तथा जल …

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छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति का दर्पण है सुआ गीत

छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति का हिस्सा है सुआ गीत। यह छत्तीसगढ़ प्रदेश की गोंड जाति की स्त्रियों का प्रमुख नृत्य-गीत है लेकिन अन्य जाति के महिलाएं भी इसमें सम्मिलित होकर नृत्य करती हैं। जिसे सामूहिक रुप से किया जाता है। यह मुख्यतः महिलाओं के मनोभावों सुख-दुख आदि की अभिव्यक्ति का …

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छत्तीसगढ़ का लोक उत्सव दशहरा

दशहरा भारत का एक प्रमुख लोकप्रिय त्योहार है। इसे देश के कोने कोने में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। वास्तव में यह त्योहार असत्य के उपर सत्य का और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। श्रीराम सत्य के प्रतीक हैं। रावण असत्य के प्रतीक हैं। …

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