डॉ. बी. आर. अम्बेडकर पुण्यतिथि 6 दिसम्बर पर विशेष आज कल राजनीतिक फायदे के लिए एक नई थ्योरी गढ़ी जा रही है -“जय भीम-जय मीम”। यानी चुनावी सियासत के लिए भारत के मुसलमानों और दलितों को एक हो जाना चाहिए। झूठी औऱ प्रयोजित आर्य इन्वेजन थ्योरी के खारिज होने के …
Read More »छत्तीसगढ़ से प्राप्त मुद्राओं पर प्रतिबिंबित शैव धर्म
इतिहास साक्ष्य सापेक्ष होता है। इतिहासकार पुरावशेषों से ज्ञात तथ्यों के आधार पर ही इतिहास का निर्माण करता है। प्राचीन मुद्राओं का इतिहास लेखन में विशिष्ट स्थान है। प्राचीन भारतीय इतिहास के अनेक तथ्यों के विषय में मुद्राएं ही साधन के रूप में प्रस्तुत होते हैं, जिससे इतिहास के अज्ञात …
Read More »नानक नाम जहाज है, चढ़े सो उतरे पार : गुरु नानक जयंती विशेष
गुरु नानक देव जी का जन्मदिन प्रति वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। गुरु नानक देव सिख धर्म के प्रथम गुरु हैं। सिख धर्म की स्थापना गुरु नानक देव ने ही की थी। गुरु नानक देव ने अपने पारिवारिक जीवन के सुख का ध्यान न करते …
Read More »हरिहर मिलन का पर्व : बैकुंठ चतुर्दशी
सनातन धर्म मे बारह महीनों का अपना अलग अलग महत्त्व है लेकिन समस्त मासों में कार्तिक मास को अत्यधिक पुण्यप्रद माना गया है। इस माह मे स्नान, दान व दीपदान के अलावा समस्त प्रमुख तीज त्योहार होते है। इस कार्तिक मास में बैकुंठ चतुर्दशी का विशेष महत्व है। इस दिन …
Read More »अंधेरे में प्रकाश की किरण: सिरती लिंगी
सनातन की जड़ें बहुत गहरी हैं, ईसाईयों का तथाकथित प्रेम का संदेश एवं औरंगजेबी तलवारें भी इसे नहीं उखाड़ पाई। सदियों की नाकामी के बाद भी इनके प्रयास निरंतर जारी हैं। ऐसे में कोई व्यक्ति इनके सामने सीना तान कर चट्टान की तरह खड़ा हो जाए तो चर्चा का विषय …
Read More »छत्तीसगढ़ का पारम्परिक त्यौहार : जेठौनी तिहार
जेठौनी तिहार (देवउठनी पर्व) सम्पूर्ण भारत में धूमधाम से मनाया जाता है, इस दिन को तुलसी विवाह के रुप में भी जाना जाता है। वैसे भी हमारे त्यौहारों के पार्श्व में कोई न कोई पौराणिक अथवा लोक आख्यान अवश्य होते हैं। ऐसे ही कुछ आख्यान एवं लोक मान्यताएं जेठौनी तिहार …
Read More »काया कल्प करने वाली औषधि : आंवला
मनुष्य का स्वास्थ्य प्रकृति के साथ जुड़ा हुआ है, प्रकृति हमें विभिन्न चमत्कारिक औषधियाँ प्रदान करती हैं तथा व्याधि होने पर मनुष्य औषधियों का सेवन कर स्वास्थ्य को प्राप्त करता है। ऐसी ही एक महाऔषधि है आंवला, आमलकी। आमलकी यानी आंवला को शास्त्रों में उसी प्रकार श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है …
Read More »राष्ट्र की उन्नति में गौधन का विशेष योगदान : गोपाष्टमी विशेष
गाय विश्व की माता है (गावो विश्वस्य मातर:), वैदिक काल से ही गाय पूजनीया मानी जाती रही है। गाय भावनात्मक या धार्मिक कारणों से पूजनीया नहीं है, अपितु इसे मानव समाज की अनिवार्य आवश्यकता के कारण पूज्या माना गया है। गोउत्पाद की चर्चा वेदों में की गई है। परवर्ती काल …
Read More »करम डार परब : करमा
करम डार पूजा पर्व छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज का बहुप्रचलित उत्सव है। कर्मा जनजातीय समाज की संस्कृति का प्रतीक भी माना जाता है जो कि प्रकृति के प्रति पूर्णरूप से समर्पित है। इस त्योहार मे एक विशेष प्रकार का नृत्य किया जाता है जिसे कर्मा नृत्य कहते हैं। यह उत्सव …
Read More »झांसी मेरी है, मैं उसे कदापि नहीं दूंगी : वीरांगना लक्ष्मी बाई
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम हिन्दुस्तान की अद्वितीय वीरांगना के रूप में लिया जाता है। उनकी महत्ता का प्रमाण यही है कि सन् 1943 में जब नेता जी सुभाषचंद बोस ने सिंगापुर में आजाद हिंद फौज में स्त्रियों की एक रेजीमेंट बनाई तो उसका नाम ‘‘रानी झांसी रेजीमेंट’’ रखा …
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