भारतवर्ष में मातृदेवी एवं शक्ति के रूप में देवी पूजन की परम्पराएं प्रचलित रही हैं। भारतीय संस्कृति की धार्मिक पृष्ठभूमि में शाक्त धर्म का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। सृष्टि के उद्भव से लेकर वर्तमान काल तक के संपूर्ण विकास में शक्ति पूजा का योगदान दिखाई देता है। नारी शक्ति को …
Read More »त्रिमूर्ति महामाया धमधा गढ़: छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
छत्तीसगढ़ का धमधा ऐतिहासिक तथ्यों और खूबियों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन सबसे अनोखा यहां का त्रिमूर्ति महामाया मंदिर है। जी हां, यह अनोखा इसलिए क्योंकि यहां तीन देवियों का संगम है, जो दूसरी जगह देखने को नहीं मिलता। यहां एक ही गर्भगृह में तीन देवियों- महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती …
Read More »तेलीन सत्ती माई : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
देवी देवताओं के प्रति गहरी आस्था और अटल विश्वास के कारण आदिम जनजीवन में देवी देवताओं का विशिष्ट स्थान है। बस्तर में इन देवी देवताओं का एक अलौकिक साम्राज्य है और इस अलौकिक साम्राज्य की राजा हैं देवी माँ भंगाराम माई। बस्तर का प्रवेश द्वार बार मोड़ों वाली केशकाल घाटी …
Read More »कुदरगढ़िन माता : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
भारत के हृदय स्थल मध्यप्रदेश के दक्षिणपूर्व भाग में ‘‘धान की कोठी‘‘ छत्तीसगढ़ राज्य स्थित है। छत्तीसगढ़ के उत्तरांचल में आदिवासी बहुल संभाग सरगुजा है। यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्यता, हरियाली, ऐतिहासिक व पुरातात्विक स्थल, लोकजीवन की झांकी, सांस्कृतिक परंपराएं, रीति-रिवाज, पर्वत, पठार, नदियाँ कलात्मक आकर्षण बरबस ही मन को मोह …
Read More »मावली माता सिंगारपुर : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
मंदिरों की नगरी सिंगारपुर जहाँ विराजी हैं मावली माता। कई शताब्दी पूर्व बंजारों की अधिष्ठात्री देवी अब समूचे अंचल की आराध्या हो गई हैं। भक्तों की आस्था के साथ लोक विश्वास में मावली माता सभी मनोरथ को पूर्ण करने वाली हैं। सिंगारपुर में मंदिर के समीप कई समाजों के मंदिर …
Read More »घटवारिन दाई अंगार मोती : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
जनश्रुतियाँ भी इतिहास एवं संस्कृति जानने का सशक्त माध्यम हैं, ऐसी ही एक जनश्रुति लगभग चार सौ वर्ष पुरानी हैं। माता अंगार मोती बड़ी फुरमानुख देवी है। न जानें दिव्य देवी शक्तियाँ कब किस पर अपार स्नेह की बारिश कर दे, रोग, शोक, भय रहित कर दे, सुख शांति और …
Read More »बिलाई माता : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
बिलाई माता के नाम से सुविख्यात विन्ध्यवासिनी देवी अर्थात महिषासुर मर्दिनी ही धरमतराई (धमतरी) की उपास्य देवी है प्रस्तर प्रतिमा के रूप में जिसका प्रादुर्भाव हैहयवंशी राज्य के अधीनस्थ किसी गांगवंशीय मांडलिक के शासनकाल का बतलाया जाता है। तब से आज तक यह मंदिर इस क्षेत्र की जनता के लिए …
Read More »महामाया माई अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
अम्बिकापुर की महामाया किस काल की हैं प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं है पर यह तो तय है कि महामाया, छत्तीसगढ़ की सर्वाधिक प्राचीन देवियों में से एक हैं। यह क्षेत्र सधन वनों से आच्छादित था। पूरे क्षेत्र में गोंड़, कोरवा, चेरवा आदि जनजातियां निवास करती थीं। जनजातियों में प्रतीकात्मक देवी-देवताओं …
Read More »निरई माता : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
छत्तीसगढ़ के वनांचल में शैव, वैष्णव, शाक्त पंथों के पूजा स्थल प्रत्येक गांव डोंगर में मिल जाएंगे, परन्तु शाक्त परम्परा से नवरात्रि यहाँ जोर शोर से मनाई जाती है। बस्तर का प्रसिद्ध दशहरा भी शाक्त परम्परा को समर्पित है, यहाँ मावली परघाव होता है और देवी दंतेश्वरी की रथयात्रा दशहरे …
Read More »छत्तीसगढ़ में शाक्त-परम्परा
छत्तीसगढ़ में धर्म और दर्शन की विविध परम्पराओं और पद्धतियों को प्रश्रय मिला जिसमें शाक्त परम्परा सर्वप्रमुख है जो शैव परम्परा के साथ ही अनुस्यूत है जिसके प्रमाण यहां की मृण्यमयी मूर्तिकला, शिल्प, साहित्य, संस्कृति और जीवन शैली में सहज ही देखे जा सकते हैं। सिरपुर उत्खनन से प्राप्त 7 …
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