भगवान राम लोक के आदर्श हैं तथा लोक के कण-कण में समाहित हैं, उन्हें समाज के आदर्श पुरुष के रुप में जाना जाता है इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। उनके चरित्र में सामाजिक समरसता परिलक्षित होती है, वे समाज के प्रत्येक अंग को लेकर साथ चलते हैं तथा …
Read More »राम सीय सिर सेंदुर देहीं : विवाह पंचमी
मार्गशीर्ष माह के शुक्लपक्ष पंचमी श्री राम जानकी विवाह दिवस विशेष वैदिक धर्म में मानव जीवन को चार आश्रमों (ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास आश्रम) में विभाजित किया गया है। वैदिक ग्रंथ कहते हैं कि मनुष्य जब जन्म लेता है तब से वह देव, ऋषि एवं पितृ का ऋणी होता …
Read More »धर्म और विज्ञान एक-दूसरे के पूरक : डॉ राधाकृष्णन
किसी भी देश को महान बनाने के लिए माता-पिता और शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।माता को प्रथम गुरु एवं परिवार को प्रथम पाठशाला कहा जाता है। माँ हमें दया, करुणा, आदर, क्षमा, परोपकार सहयोग, समानता आदि सभी मानवीय गुणों का भाव देती है। जिस प्रकार माता पिता शरीर का …
Read More »श्रावण मास का आध्यात्मिक एवं पौराणिक महत्व
हिन्दू पंचांग में काल गणना एवं बारह मासों की पृष्ठभूमि वैज्ञानिकता पर आधारित है। जिसमें श्रावण या सावन मास पांचवे स्थान पर है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई-अगस्त माह का समय श्रावण मास या सावन का होता है। यह मास जल के लिए जाना जाता है. साथ ही यह सृष्टि …
Read More »दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा
पंडित राम प्रसाद विस्मिल का जन्म दिवस विशेष आलेख भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों की भूमिका अग्रणी रही है। हजारों क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों को होम कर दिया। इनमें कई ऐसे क्रांतिकारी रहे हैं जो क्रांति का पर्याय बन चुके हैं। इनमें पंडित रामप्रसाद बिस्मिल का नाम प्रमुखता से लिया …
Read More »जानिए संवत्सर क्या है?
विश्व भर में विभिन्न धर्म/सम्प्रदाय को मानने वाले हैं। प्रत्येक का अपना एक पंचाग या कैलेंडर है। इन्हीं तिथियों के अनुसार विभिन्न पर्व, व्रत-त्योहार परंपरागत रूप से मनाए जाते हैं। इसी प्रकार नए वर्ष को भी बड़े पर्व के रूप में मनाने की परपरा दिखाई देती है। ग्रेगेरियन कैलेंडर के …
Read More »हिन्दी को समृद्ध करती लोकभाषाएँ
भाषा भावों और विचारों के आदान-प्रदान का माध्यम होती है। हिंदी एक प्रवाहमान, सशक्त भाषा है। हिंदी पहले साधारण बोलचाल की भाषा से धीरे-धीरे विकसित हो कर सम्पर्क एवं साहित्य की भाषा बनी। सम्पर्क भाषा बनने में स्थानीय क्षेत्रीय बोलियों का बड़ा योगदान होता है, इन बोलियों के बहुतेरे शब्द …
Read More »हम सबका अभिमान है हिन्दी
हम सबका अभिमान है हिन्दी, हम सब का सम्मान है हिन्दी॥ उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम तक, फुलवारी सी सजती है हिन्दीशिलालेखों एवं प्राच्य अभिलेखों में, मेंहदी सी रचती है हिन्दीहम सबका अभिमान है हिन्दी, हम सब का सम्मान है हिन्दी॥ मातृभाषा व राष्ट्रभाषा के पद पर, सदैव शोभित हमारी हिन्दी संस्कृत, पालि, …
Read More »योग मानव जाति के लिए संजीवनी
भारतीय मनीषियों एवं ॠषियों ने मन की एकाग्रता एवं शरीर के सुचारु संचालन के लिए योग जैसे शक्तिदायक क्रिया की प्रादुर्भाव किया। जिसका उन्होंने पालन कर परिणाम जग के समक्ष रखा तथा इसे योग का नाम देकर विश्व के मनुष्यों को निरोग, स्वस्थ एवं बलशाली बनाने का रसायन दिया। वर्तमान …
Read More »अक्षय तृतीया का सामाजिक महत्व एवं व्यापकता
अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय या नाश ना हो। हिन्दू पंचाग के अनुसार बारह मासों की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुभ मानी जाती है, परंतु वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि स्वयं सिद्ध मुहूर्त में होने के कारण हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्व है। ऋतु परिवर्तन काल …
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