विभाजन विभिषिक स्मृति दिवस 14 अगस्त : विशेष आलेख देश का विभाजन एक अमानवीय त्रासदी थी जो अपने साथ भारतवर्ष का दुर्भाग्य भी लेकर आई थी। विश्व इतिहास के किसी दौर में ऐसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है कि आप आजादी के लिए संघर्ष करें, आंदोलन चलाएं और जब आजाद …
Read More »महा मानव महात्मा गाँधी और छत्तीसगढ़ : पुण्यतिथि विशेष
महात्मा गांधी विश्व के लिए सदैव प्रेरणा स्रोत रहेंगे। उन्होंने देश के ऐतिहासिक स्वतंत्रता संग्राम को सामाजिक जागरण के अपने रचनात्मक अभियान से भी जोड़ा, जिसमें शराबबन्दी ,अस्पृश्यता निवारण, सर्व धर्म समभाव, सार्वजनिक और व्यक्तिगत स्वच्छता, खादी और ग्रामोद्योग, ग्राम स्वराज, ग्राम स्वावलम्बन, पंचायती राज और बुनियादी शिक्षा जैसे कई …
Read More »नेता जी सुभाष चन्द्र बोस एवं महात्मा गांधी के मतभेद और मतांतर
त्रिपुरी अधिवेशन 1939 में कांग्रेस के वार्षिक अध्यक्ष पद हेतु गांधीयुगीन कांग्रेस में पहली बार चुनाव हुये थे, इस सनसनी खेज तथा आर-पार वाले चुनाव में सुभाष बाबू ने गांधी जी के समर्थित और प्रिय उम्मीदवार को परास्त किया। त्रिपुरी अधिवेशन के पहले कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सभी सदस्यों (जवाहर …
Read More »भारत की नाथ सन्यास परम्परा एवं योगी आदित्यनाथ
भारत में नाथ परम्परा प्राचीन काल से ही विद्यमान है, नाथ शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है स्वामी तथा जगत के नाथ आदिनाथ (भगवान शंकर) को प्रथम नाथ माना जाता है, इन्हीं से नाथ संप्रदाय का प्रारंभ होता है। इसके पश्चात अन्य नाथ प्रकाशित होते हैं, जिनमें भगवान दत्तात्रेय एवं …
Read More »देश भक्तों का राजकुमार पराक्रमी सुभाष चंद्र बोस
23 जनवरी पराक्रम दिवस : यानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिवस केंद्र शासन ने नेताजी के जन्मदिवस को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस एकमात्र नेता हैं जिनके जन्म दिवस को पराक्रम दिवस के रूप में …
Read More »गांधी ने पहचानी थी भारत की पुरानी पूँजी
भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा की शक्ति को समाप्त किए बिना अंग्रेज पूरे देश को चिरकाल तक अपना गुलाम नहीं बना सकते थे, यही आशय भारत में एक सर्वेक्षण के बाद लॉर्ड मैकॉले के ब्रिटिश संसद में दिए गए भाषण में था। भारत अपने प्राचीन ज्ञान परंपरा और विरासत पर …
Read More »छत्तीसगढ़ में गाँधी का प्रवास व प्रभाव
दुनिया के इतिहास में मोहनदास करमचंद गाँधी, जिन्हें हम महात्मा गाँधी के रूप में जानते एवं पहचानते है, एक अमिट नाम है। भारत में अंग्रेजों की गुलामी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में महात्मा गाँधी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे पूरे देश के भीतर एक राजनैतिक, सामाजिक एवं …
Read More »स्वामीजी का वाङ्गमय पढ़कर मेरी देशभक्ति हजारों गुना बढ़ गई है : महात्मा गांधी
नवयुग के निर्माता स्वामी विवेकानन्दजी ने कहा था, “मैं भविष्य को नहीं देखता, न ही उसे जानने की चिन्ता करता हूं। किन्तु, एक दृश्य मैं अपने मन:चक्षुओं से स्पष्ट देख रहा हूं, यह प्राचीन मातृभूमि एक बार पुन: जाग गई है और अपने सिंहासन पर आसीन है – पहले से …
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