Home / विविध (page 19)

विविध

दक्षिण कोसल की संस्कृति में पैली-काठा का महत्व

दक्षिण कोसल (छत्तीसगढ़) प्रांत प्राचीनकाल से दो बातों के लिए प्रसिद्ध है, पहला धान की खेती और दूसरा माता कौसल्या की जन्मभूमि याने भगवान राम की ननिहाल। यहाँ का कृषक धान एवं राम, दोनों से जुड़ा हुआ है। यहाँ धान की खेती प्रचूर मात्रा में होती है, इसके साथ ही …

Read More »

छत्तीसगढ़ के अलिखित साहित्य में रामकथा : वेबीनार रिपोर्ट

ग्लोबल इन्सायक्लोपीडिया ऑफ रामायण उत्तर प्रदेश एवं सेंटर फ़ॉर स्टडी ऑन होलिस्टिक डेवलपमेंट छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में दिनाँक 5/7/2020 को शाम 7:00से 8:30 बजे के मध्य “छत्तीसगढ़ के अलिखित साहित्य में रामकथा” विषयक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन हुआ। जिसमें उद्घाटन उद्बोधन डॉ योगेन्द्र प्रताप सिंह जी, संचालक अयोध्या शोध …

Read More »

स्वास्थ्य के लिए महाऔषधि है योग : विश्व योग दिवस

मानव जीवन का प्रमुख लक्ष्य समस्त दुखों, क्लेशों, वासनाओं और अतृप्ति से मुक्त होकर सच्चे सुख-शांति और आनंद को प्राप्त करना है। वैसे तो इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए समस्त विवेकवान मनुष्य अपनी रुचि, बुद्धि व क्षमता के अनुसार विभिन्न साधनों का सहारा लेते हैं। ऋषि-मुनियों ने नियमित …

Read More »

छत्तीसगढ़ भी आए थे भगवान बुद्ध

भारत के प्राचीन इतिहास में कोसल और दक्षिण कोसल के नाम से प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ प्रदेश अनेक महान संतों और महान विभूतियों की जन्मस्थली, कर्म भूमि और तपोभूमि के रूप में भी पहचाना जाता है। कई महान विभूतियों ने यहाँ जन्म तो नहीं लिया, लेकिन अपनी चरण धूलि से और अपने महान …

Read More »

अमुआ के डाली पे बैठी कोयलिया काली : खास आम

आम लोगों का आम, खास लोगों का आम, आम तो आम ही है पर आम खाने वाले लोग खास ही होते हैं। अब समय है वृक्षों पर आम के पकने का। इससे पहले तो कृत्रिम रुप से पकाए आम बाजारों में भरे पड़े है। पर उनमें वो मजा कहाँ जो …

Read More »

परिवार मनुष्य की प्रथम पाठशाला

अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस विशेष परिवार मनुष्य की प्रथम पाठशाला है यह एक ऐसी सामाजिक संस्था है जो सदस्यों के प्रेम, स्नेह एवं भाईचारा पूर्वक निर्वाहन करते हुए उनके आपसी सहयोग व समन्वय से क्रियान्वित होती है। सुसंस्कार, मर्यादा, सम्मान, समर्पण, आदर, अनुशासन आदि किसी भी सुखी-संपन्न एवं खुशहाल परिवार के …

Read More »

प्राचीन काल से अद्यतन सेवारत : नर्स दिवस विशेष

प्राचीन काल से परिचारक या परिचारिकाओं की सेवा लेने का चलन हमें प्रतिमा शिल्प एवं अन्य स्थानों में दिखाई देता है। देवी-देवताओं, राजा-महाराजाओं एवं तत्कालीन विशिष्ट नागरिक इनकी सेवा लेते थे। ये परिचारक और परिचारिकाएं प्राचीन काल में मंदिरों, देवालयों की भित्ति में अपना स्थान पाते रहे हैं। वर्तमान में …

Read More »

माताओं उठो ! विजय प्राप्त करो !!

महिलाओं को अपना समय व ऊर्जा, गप्पें हांकने में, अफवाहें फैलाने में, दूसरों का दोष निकालने में, भौतिक सम्पदा के लिए मुकाबला करने में, झूठा स्तर बनाए रखने में और घमण्ड इत्यादि में व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। इससे चारों ओर अप्रसन्नता फैलेगी व ईर्ष्या का प्रादुर्भाव होगा। इन सब पर …

Read More »

देवऋषि नारद : लोक-कल्याण संचारक और संदेशवाहक

भारतवर्ष का हिमालय क्षेत्र सदैव से ऋषि-मुनियों तथा संतों को आकर्षित करने वाला रहा है। ऋषि अष्टावक्र, देवऋषि नारद, महर्षि व्यास, परसुराम, गुरु गोरखनाथ, मछिंदरनाथ इत्यादि ने हिमालय को अपनी साधना हेतु चुना। अतएव हिन्दू संस्कृति में देवऋषि नारद का शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि वे ब्रह्मा जी के …

Read More »