भारत में एक दौर ऐसा आया कि भगवान बुद्ध की प्रतिमाएं बहुतायत में निर्मित होने लगी। स्थानक बुद्ध से लेकर ध्यानस्थ बुद्ध की प्रतिमाएं स्थापित होने लगी। ज्ञात हो कि भारतीय शिल्पकला में हिन्दू एवं बौद्ध प्रतिमाओं में प्रमुखता से आसन एवं हस्त मुद्राएं अंकित की जाती है। हमें प्राचीन …
Read More »ह्रदय से अत्यंत ही भावुक लेकिन तेजस्वी नेता थे अटल बिहारी वाजपेयी : अशोक बजाज
भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है. हिमालय मस्तक है, कश्मीर किरीट है, पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं. पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघायें हैं. कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है. यह चन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है, यह तर्पण …
Read More »नाचा : छत्तीसगढ़ का लोकनाट्य
छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक इतिहास की पृष्ठ भूमि मुख्यतः यहाँ का ग्रामीण जनजीवन है ।यहाँ की ग्रामीण संस्कृति में लोकनाटकों का प्रारंभ से ही बड़ा महत्व रहा है । छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक सौम्यता के दर्शन यहाँ के देहातों की नाट्य मण्डलियों के सीधे -सादे ,आडम्बरहीन परन्तु रोचक कार्यक्रमों में होते हैं। …
Read More »छत्तीसगढ़ का कथक नृत्य का रायगढ़ घराना
साहित्य ,कला और संस्कृति के क्षेत्र में दक्षिण कोसल यानी वर्तमान छत्तीसगढ़ प्राचीन काल से ही अत्यंत समृद्ध रहा है । भरत मुनि के नाट्य शास्त्र में वर्णित गुहा नाट्य शाला का वर्णन है, पुराविद मानते हैं कि सरगुजा के रामगढ़ की पर्वतीय गुफा स्थित सीता बेंगरा विश्व की प्राचीनतम …
Read More »भारतीय आदिवासियों में शिक्षा का प्रसार एवं वर्तमान स्थिति
जनजातियां विश्व के लगभग सभी भागों में पायी जाती है, भारत में जनजातियों की संख्याअफ्रीका बाद दूसरे स्थान पर है। प्राचीन महाकाव्य साहित्य में भारत में निवासरत विभिन्न जनजातियों जैसे भारत, भील, कोल, किरात, किन्नरी, मत्स्य व निषाद आदि का वर्णन मिलता है। प्रत्येक जनजाति की अपनी स्वयं की प्रशासन …
Read More »छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलन को गति देने में निर्णायक भूमिका निभाने वाले डॉ .खूबचन्द बघेल
क्या लोग थे वो ,जिन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी जनता के नाम कर दी और जो आजीवन आम जनता के हितों के लिए संघर्ष करते रहे ,जिन्होंने अपनी ज़िन्दगी का एक -एक पल देश और समाज की सेवा में लगा दिया ,जिन्होंने अपने संघर्षों से इतिहास बनाया और जिनका जीवन ही …
Read More »फ़ुल बक मुन की खगोलीय घटना देखिए छाया चित्रों में
दक्षिण कोसल में चंद्रग्रहण लगभग सभी स्थानों पर दिखाई दिया। खगोलीय घटना को दर्ज करने के लिए हमने अभनपुर में लुनर एक्लिप्स के चित्र लिए। यह चित्र खगोल शास्त्र के विद्यार्थियों के शोध के कार्य में सहयोगी होंगे। चंद्र ग्रहण प्रारंभ – Photo – 01.31 AM जब भी सूर्य ग्रहण …
Read More »पृथ्वी दिवस : क्या हम महाप्रलय की ओर बढ़ रहे हैं?
कब प्रलय हुआ था, कैसा हुआ था, किसने देखा था? इतना तो तय है कि मैने नहीं देखा क्योंकि प्रलयोपरांत धरा पर मेरा आगमन हुआ।
Read More »ऐसा स्थान जहाँ पितर देवता भी आम के स्वाद से वंचित नहीं रहते
आम के साथ बचपन के दिन भी जुड़े हैं, जब स्कूल से भागकर टिकोरों के चक्कर में मीलों दूर तक की धरती नाप आते थे। ऐसे ही हमारे देश का राष्ट्रीय फ़ल आम को नहीं बनाया गया है। इसमें गुण भरे पड़े हैं, पर आयुर्वेद की दृष्टि से अवगुण भी …
Read More »कौन थे वे जिन्होंने मूर्तिपूजा प्रारंभ की एवं पूजा पद्धति का विकास कब हुआ?
विश्व में विभिन्न धर्मावलम्बी निवास करते हैं, सब निज धर्म का पालन करते हैं। ये धर्मावलम्बी दो भागों में बंटे हैं साकार और निराकार। साकार माने मूर्ति पूजक एवं निराकार माने प्रकृति पूजक। हमेशा विवाद इन दोनों में ही होते रहता है। लोगों में मन में जिज्ञासा यह रहती है …
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