हम प्रलय से तात्पर्य लगाते हैं कि कोई आपदा आएगी और धरती से जीवन समाप्त हो जाएगा। धरती जीवन से शुन्य हो जाएगी। लगभग विश्व के सभी सम्प्रदायों में किसी न किसी रुप में प्रलय/महाप्रलय का वर्णन है। जाहिर है धरती से जीवन का खत्म होना लगभग सभी धर्म दर्शनों …
Read More »संसार को अहिंसा का मार्ग दिखाने वाले भगवान महावीर
जैन ग्रन्थों के अनुसार समय समय पर धर्म तीर्थ के प्रवर्तन के लिए तीर्थंकरों का जन्म होता है, जो सभी जीवों को आत्मिक सुख प्राप्ति का उपाय बताते है। तीर्थंकरों की संख्या चौबीस ही कही गयी है। भगवान महावीर 24वें तीर्थंकर हुए हैं। उन्होंने दुनिया को जैन धर्म के पंचशील …
Read More »कनकां दी मुक गई राखी, ओ जट्टा आई बैसाखी
बैशाखी उत्तर भारत में पंजाब एवं हरियाणा में जोर शोर से मनाई जाती है। इस दिन गंगा जी का धरती पर अवतरण हुआ था तथा गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 ईस्वीं में खालसा पंथ सजाया था। यानि खालसा पंथ की स्थापना इसी दिन हुई थी। इसके साथ ही यह …
Read More »स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी शीतला माता
शीतला सप्तमी विशेष आलेख किसी भी राज्य की पहचान उसकी भाषा, वेषभूषा एवं संस्कृति होती है। संस्कृति लोकपर्वों में दिखाई देती है। लोकपर्व संस्कृति का एक आयाम हैं। लोकपर्वों में अंतर्निहीत तत्व होते हैं, जिनके कारण लोकपर्व मनाए जाते हैं। संस्कृति की धारा अविरल बहती है परन्तु इसके पार्श्व में …
Read More »पुन्नी मेला अब पुन: राजिम कुंभ
माघ पूर्णिमा को मेले तो बहुत सारे भरते हैं, परन्तु राजिम मेले का अलग ही महत्व है। राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है, यहाँ पैरी, सोंढूर एवं महानदी मिलकर त्रिवेणी संगम का निर्माण करती हैं। भारतीय संस्कृति में जहाँ तीन नदियों का संगम होता वह स्थान तीर्थ की …
Read More »सूर्य उपासना से मानसिक एवं शारीरिक समृद्धि : सूर्य सप्तमी
सूर्य सप्तमी विशेष आलेख आज सूर्य सप्तमी है, इसे अचला सप्तमी, भानु सप्तमी या रथ सप्तमी भी कहा जाता है। सनातन मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव का जन्म हुआ था। सनातन धर्म में माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। यह …
Read More »देवी सरस्वती की आराधना का पर्व : वसंत पंचमी
वसंत पंचमी ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती की आराधना का पर्व है। इस दिन मां सरस्वती की उपासना बहुत फलदायी होती है, इसी कारण विद्यालयों और विद्यार्थियों के बीच इस तिथि को लेकर बहुत उत्साह रहता है। इस दिन विविध मंत्रों से सरस्वती वंदना की जाती है। इस दिन …
Read More »भारतीय राजनीति के प्रकाश स्तंभ अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी बाजपेयी ने भारतीय राजनीति को छ: दशकों से करीब से देखा और जिया है। उन्होंने भारतीय राजनीति में अपना सुदढ़ दखल रखा और देश के तीन बार प्रधानमंत्री रहे। संसद में सशक्त विपक्ष के बतौर एवं प्रधानमंत्री रहते हुए उनके द्वारा देशहित में लिये गये निर्णयों के लिए …
Read More »बलिदानी सैनिकों की सहायता के लिए मनाया जाता है सशस्त्र सेना झंडा दिवस
भारत में प्रति वर्ष सशस्त्र सेना झंडा दिवस 7 दिसंबर 1949 से हर साल मनाया जाता है। यह भारतीय सशस्त्र सेना बलों के कर्मियों के कल्याण के लिए भारत की जनता से धन जमा करने के प्रति समर्पित एक दिन हैं। इस दिन शहीदों और वीर सेनानियों को सम्मानित किया …
Read More »मुगलों को धूल चटाने वाले वीर योद्धा – लचित बोरफ़ुकन
लचित बोरफुकन, जिन्हें ‘चाउ लासित फुकनलुंग’ नाम से भी जाना जाता है, 17वीं शताब्दी के एक महान और वीर योद्धा थे। उनकी वीरता के कारण ही उन्हें पूर्वोत्तर भारत का वीर ‘शिवाजी’ कहा जाता है। उन्होंने मुगलों के खिलाफ जो निर्णायक लड़ाई लड़ी थी, उसके लिए उन्हें आज भी याद …
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