चैत्र नवरात्र वसंत के समय आता है, ऐसे में जहां प्राकृतिक परिवर्तन पुराने आवरण को त्यागकर नएपन को वरण करने का संदेश देता है, वहीं मा शक्तिस्वरूपा की पूजा-अर्चना से मन में व्याप्त दुर्बलता को मिटाने, नवशक्ति – नवऊर्जा के आह्वान की कामना का शुभ अवसर भी प्राप्त होता है। …
Read More »नवरात्र की वैज्ञानिकता
ऋग्वेद के देवी सूक्त में मां आदिशक्ति स्वयं कहती हैं, ‘ अहं राष्ट्री संगमनी वसूनां, अहं रूद्राय धनुरा तनोमि।’ अर्थात् मैं ही राष्ट्र को बांधने और ऐश्वर्य देने वाली शक्ति हूँ, और मैं ही रुद्र के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाती हूं। हमारे तत्वदर्शी ऋषि मनीषा का उपरोक्त प्रतिपादन वस्तुतः स्त्री …
Read More »जीवन काल में शक्ति संजोने का पर्व नवरात्रि
जीवन अच्छी तरह से जीने के लिए, उसके बीच गुजरते हुए ऐसा बहुत कुछ जो अनावश्यक है, आवश्यक सा जान पड़ता है इसीलिए जीने के हर क्षण को उत्सव की तरह जिया जाये तो शक्ति का संचार बना रहता है। संभवतः इसीलिए ऋतुओं के अनुसार बांटी गई भारतीय आध्यात्मिक और …
Read More »धर्म एवं आस्था का केन्द्र माँ बमलेश्वरी
छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजनांदगांव जिलान्तर्गत दक्षिण पूर्वी मध्य रेल्वे के स्टेशन और रायपुर नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग में महाराष्ट्र प्रांत से लगा सीमांत तहसील मुख्यालय डोंगरगढ़ हैं। ब्रिटिश शासन काल में यह एक जमींदारी थी। प्राचीन काल से विमला देवी यहां की अधिष्ठात्री है जो आज बमलेश्वरी देवी के नाम से …
Read More »बिलाई माता : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
बिलाई माता के नाम से सुविख्यात विन्ध्यवासिनी देवी अर्थात महिषासुर मर्दिनी ही धरमतराई (धमतरी) की उपास्य देवी है प्रस्तर प्रतिमा के रूप में जिसका प्रादुर्भाव हैहयवंशी राज्य के अधीनस्थ किसी गांगवंशीय मांडलिक के शासनकाल का बतलाया जाता है। तब से आज तक यह मंदिर इस क्षेत्र की जनता के लिए …
Read More »महामाया माई अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
अम्बिकापुर की महामाया किस काल की हैं प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं है पर यह तो तय है कि महामाया, छत्तीसगढ़ की सर्वाधिक प्राचीन देवियों में से एक हैं। यह क्षेत्र सधन वनों से आच्छादित था। पूरे क्षेत्र में गोंड़, कोरवा, चेरवा आदि जनजातियां निवास करती थीं। जनजातियों में प्रतीकात्मक देवी-देवताओं …
Read More »निरई माता : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
छत्तीसगढ़ के वनांचल में शैव, वैष्णव, शाक्त पंथों के पूजा स्थल प्रत्येक गांव डोंगर में मिल जाएंगे, परन्तु शाक्त परम्परा से नवरात्रि यहाँ जोर शोर से मनाई जाती है। बस्तर का प्रसिद्ध दशहरा भी शाक्त परम्परा को समर्पित है, यहाँ मावली परघाव होता है और देवी दंतेश्वरी की रथयात्रा दशहरे …
Read More »टेंगनाही माता : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
सनातन काल से भारत राजे-रजवाड़ों की भूमि रही है, राजा भिन्न-भिन्न धर्मों का पालन करते थे तथा उनसे संबंधित देवी-देवताओं के उपासक हुआ करते थे। देश आजाद हुआ, लोकतंत्र की स्थापना हुई, परन्तु देवी-देवताओं की मान्यता आज भी उतनी बनी हुई है, जितनी पूर्व में थी। कुल देवी-देवता के रुप …
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