(गुप्त नवरात्र के दशम महाविद्या माँ कमला देवी पर सादर समर्पित) माँ कमला देवी दस महाविद्याओं में से अंतिम हैं। देवी कमला को कमलात्मिका के नाम से भी जाना जाता है और वे समृद्धि की देवी हैं। धन और सौंदर्य की देवी के रूप में, उनकी पूजा उनकी शक्ति के …
Read More »”जनजातियों की आराध्य एवं बौद्धों में पूजित महाविद्या : तांत्रिकों की सरस्वती माँ मातंगी”
(गुप्त नवरात्र के नवम् दिवस – नवम् महाविद्या माँ मातंगी पर सादर समर्पित) गुप्त नवरात्र के आलोक में दस महाविद्याओं में से नौवीं महाविद्या देवी मातंगी ही है। मातंगी देवी को प्रकृति की स्वामिनी देवी बताया गया है। माता मातंगी के कुछ प्रसिद्ध नाम हैं- सुमुखी, लघुश्यामा या श्यामला, राज-मातंगी, …
Read More »“अपकारी शक्तियों की विनाशक : विधवाओं की आराध्य महाविद्या माँ धूमावती”
माँ धूमावती सनातन धर्म में सातवीं महासिद्धि (महाविद्या) के रुप में शिरोधार्य हैं। “ऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा” माँ धूमावती का बीज मंत्र है। माँ सभी अपकारी तंत्रों मंत्रों और शक्तियों की विनाशक, मानव जाति के लिए सर्वाधिक कल्याण कारी और अपराजेय बनाने वाली देवी हैं। इनके दर्शन ही …
Read More »जनजातीय समुदाय में श्री जगन्नाथ धाम का माहात्म्य
जनजातीय समुदाय में श्री जगन्नाथ धाम का माहात्म्यजगन्नाथ मंदिर विष्णु के 8 वें अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। पुराणों में इसे धरती का वैकुंठ कहा गया है। यह भगवान विष्णु के चार धामों में से एक है। इसे श्रीक्षेत्र, श्रीपुरुषोत्तम क्षेत्र, शाक क्षेत्र, नीलांचल, नीलगिरि और श्री जगन्नाथ पुरी भी …
Read More »छत्तीसगढ़ अंचल का प्रमुख पर्व रथयात्रा
छत्तीसगढ़ में भगवान जगन्नाथ का प्रभाव सदियों से रहा है, यह प्रभाव इतना है कि छत्तीसगढ़ के प्रयाग एवं त्रिवेणी तीर्थ राजिम की दर्शन यात्रा बिना जगन्नाथ पुरी तीर्थ की यात्रा अधूरी मानी जाती है। मान्यतानुसार जगन्नाथ पुरी की यात्रा के पश्चात राजिम तीर्थ की यात्रा करना आवश्यक समझा जाता …
Read More »प्राचीन भारतीय योग विज्ञान सर्व काल में उपयोगी
युञ्ज्यते असौ योग:, योग शब्द संस्कृत के युञ्ज धातु से बना है जिसका अर्थ है जुड़ना, मिलना या एकजुट होना। योग, विश्व को प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अनुपम देन है। योग द्वारा मनुष्य अपने शरीर एवं मन-मस्तिष्क को आत्मबल प्रदान कर प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाता है। योग सम्पूर्ण …
Read More »चर्च की सत्ता के विरुद्ध उलगुलान के नायक बिरसा मुंडा
अमर क्रान्तिकारी बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 छोटा नागपुर कहे जाने वाले क्षेत्र में हुआ था। यह क्षेत्र अब झारखंड में है। उनकी माता सुगना देवी और पिता करमी मुंडा का गाँव झारखंड प्रांत के रांची जिले में पड़ता है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम साल्वा में हुई।अंग्रेजी शिक्षा …
Read More »छत्तीसगढ़ की भुंजीया जनजाति और उनका रामायणकालीन संबंध
प्राचीन काल से ही भारत में जनजातियों का अस्तित्व रहा है। प्रागैतिहासिक काल से लेकर ऐतिहासिक काल और आधुनिक काल में वर्तमान समय तक जनजातीय संस्कृति की निरंतरता दिखाई देती है। आरण्यक जीवन, फिर ग्रामीण संस्कृति और कालांतर में नगरीय सभ्यता का उद्भव इन सबका एक क्रमिक विकासक्रम दिखाई देता …
Read More »सिंधुघाटी की परंपराएं अभी शेष हैं बस्तर में
सिंधु निवासियों ने आगे बढ़कर भारत में अपने निवास के लिए वैसे ही क्षेत्र को चुना जैसा सिंधु का इलाका रहा, भरपूर जल, घने वन और सहचर जीव, जानवर। उन स्थलों में आज का बस्तर अधिक उपयुक्त रहा। छत्तीसगढ़ के सुदूर दक्षिण में घने जंगलों, नदी घाटियों से आच्छदित यह क्षेत्र आज अपने अंदर विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति को आत्मसात किए हुए हैं।
Read More »युवाओं के आदर्श प्रेरणा स्रोत श्री हनुमान
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के सर्वोत्तम सेवक, सखा, सचिव और भक्त श्री हनुमान हैं। प्रभुराम की भारतीय जनमानस में जिस प्रकार पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार उनके प्रिय सेवक हनुमान जी की भी पूजा की जाती है। श्री हनुमान जी को रुद्रावतार भी माना जाता है। इनकी पूजा …
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