लोककला मन में उठने वाले भावों को सहज रुप में अभिव्यक्त करने का सशक्त माध्यम है। यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को स्वत: स्थानांतरित हो जाने वाली विधा है। लोक कला हमारी संस्कृति की पहचान होती है, हमारी खुशी को प्रकट करने का माध्यम होती है। लोककला का क्षेत्र …
Read More »सरगुजा अंचल में गंगा दशहरा
भारत धार्मिक आस्था वाला देश है। यहां के रहवासी पेड़-पौधों, पत्थरों और धातुओें में ही नहीं बल्कि नदियों में भी देवी देवताओं के दर्शन करते हैं। भारत में गंगा, गोदावरी, यमुना, सरस्वती, कावेरी, ब्रम्हपुत्र आदि महत्वपूर्ण नदियाँ हैं, जिन्हें प्राणदायनी माना जाता है। भारतीय जीवन और संस्कृति में नदियों का …
Read More »लोक अभिव्यक्ति का रस : ददरिया
लोक में ज्ञान की अकूत संचित निधि है, जिसे खोजने, जानने और समझने की बहुत आवश्यकता है। लोकज्ञान मूलतः लोक का अनुभवजन्य ज्ञान है जो यत्र-तत्र बिखरा हुआ है और कई गूढ़ रहस्यों का भी दिग्दर्शन कराता है। यह विविध रूपों में हैं, कहीं गीत-संगीत, कहीं लोक-कथाओं और कहीं लोक-गाथाओं …
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