04 जनवरी पंडित लोचन प्रसाद पांडेय जन्म दिवस विशेष छत्तीसगढ़ जैसे वनांचल के किसी ग्रामीण कवि को साहित्य का सर्वोच्च सम्मान “साहित्य वाचस्पति” दिया जाये तो उसकी ख्याति का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। बात तब की है जब इस सम्मान के हकदार गिने चुने लोग थे। छत्तीसगढ़ की …
Read More »नागपंचमी के दिन गुरु मंत्र सिद्ध करने वाले नगमतिहा
छत्तीसगढ़िया लोक समाज में विभिन्न परंपराओं की अद्भुत छटा देखने को मिलती है। यहाँ शैव, वैष्णव और शाक्त मत के अलावा सिद्धों और नाथों का प्रभाव भी दृष्टिगोचर होता है। हरियाली अमावस्या को मनाए जाने वाले पर्व “हरेली” को कृषि यंत्रों की पूजा के साथ गांव देहात में मंत्र दीक्षा …
Read More »छत्तीसगढ़ की स्थापत्य कला में बालि-सुग्रीव युद्ध का अंकन
छत्तीसगढ़ राज्य पुरातत्व की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। यहां पर लगभग 5-6वीं शताब्दी ई. से लेकर अभी तक रामायण के कथानकों से सम्बंधित दृश्य मंदिरों तथा प्रतिमाओं में उत्कीर्ण किये गये हैं जो आज भी विद्यमान हैं। तुलसीकृत रामचरित मानस के किष्किन्धाकाण्ड मे उल्लेखित जानकारी के अनुसार राम वनगमन …
Read More »रामनामी : जिनकी देह पर अंकित हैं श्री राम जी के हस्ताक्षर
प्राचीन छत्तीसगढ़ (दक्षिण कोसल) प्राचीन काल से ही राम नाम से सराबोर रहा है। छत्तीसगढ़ की जीवन दायनी नदी जिसका पुराणों में नाम चित्रोत्पला रहा है, राजिम स्थित इस नदी के संगम को छत्तीसगढ़ का प्रयागराज कहा जाता है। महानदी के किनारे स्थित सिहावा, राजिम, सिरपुर, खरौद, शिवरीनारायण, तुरतुरिया आदि …
Read More »भीम का बनाया यह मंदिर अधूरा रह गया
छत्तीसगढ़ के जांजगीर में कलचुरीकालीन भव्य विष्णु मंदिर है। यह जांजगीर नगरी कलचुरी राजा जाज्वल्य देव की नगरी है तथा विष्णु मंदिर कल्चुरी काल की मूर्तिकला का अनुपम उदाहरण है। मंदिर में जड़े पत्थर शिल्प में प्राचीन परंपरा को दर्शाया गया है। अधूरा निर्माण होने के कारण इसे “नकटा” मंदिर …
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