भारत की कृषिप्रधान और ऋषि परम्परा की संस्कृति में त्योहारों और पर्व उत्सवों का विशेष महत्वपूर्ण स्थान प्राचीन काल से ही रह है। यहां बाराहोमास ऋतु, तिथि, कर्म, धर्मानुसार पर्व और उपासना का विशेष महत्व रहा है ताकि जीवन मे रंग और उत्स बना रहे यद्यपि कुछ पर्वों के मनाने …
Read More »श्रावणी उपाकर्म : विद्याध्यन प्रारंभ करने का पर्व
वैदिक काल में श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को श्रावणी पर्व के रुप में मनाया जाता था। इसे श्रावणी उपाकर्म भी कहा जाता है। उस काल में वेद और वैदिक साहित्य का स्वाध्याय होता था। लोग प्रतिदिन वैदिक साहित्य का पठन करते थे, लेकिन वर्षा काल में वेद …
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