हम हिंदू, हिंदुत्व हमारा, है जानो आदत न्यारी।
वीर, अहिंसक, धर्मव्रती हम, करुण-हृदय, सेवाधारी।
मर्यादा में रहना हमको, रघुनंदन ने सिखलाया।
जिसने रक्षा हेतु आन की, रावण को मार गिराया ।
किया सफाया निशाचरों का, शांति धरा में लाने को,
जूठे फल खा प्रेम निभाया, विप्र, धेनु, सुर हितकारी।
हम हिंदू हिंदुत्व हमारा, है जानो आदत न्यारी ।
योगेश्वर के हम अनुयायी,धर्म युद्ध करने वाले ।
घोर कष्ट सहकर भी हरदम, सत्य मार्ग चलने वाले ।
बदला लेने चीर हरण का, जग जाहिर भीम प्रतिज्ञा ,
नहीं चूकते दंडित करने, कोई हो अत्याचारी।
हम हिंदू, हिंदुत्व हमारा, है जानो आदत न्यारी।
शरणागत रक्षक वीरों के, हम वंशज कहलाते हैं ।
राजा शिवि, हम्मीर देव के, उज्ज्वल यश सुहाते हैं।
सत्यव्रती राजा हरिश्चंद्र, नृपति मोरध्वज, रंतिदेव
देवराज हित ऋषि दधीचि ने,स्वयं गला हड्डी वारी ।
हम हिंदू, हिंदूत्व हमारा, है जानो आदत न्यारी।
रग रग में संस्कार हमारे, मानवता, भाईचारा ।
संतों, गुरुओं, दार्शनिकों ने, दी निर्मल चिंतन धारा ।
वीर शिवाजी अरु प्रताप के, गाथा देती है शिक्षा
प्राण समर्पित कर देंगे हम, मातृभूमि सबसे प्यारी ।
हम हिंदू, हिंदुत्व हमारा, है जानो आदत न्यारी।
सप्ताह के कवि