वैदिक काल में श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को श्रावणी पर्व के रुप में मनाया जाता था। इसे श्रावणी उपाकर्म भी कहा जाता है। उस काल में वेद और वैदिक साहित्य का स्वाध्याय होता था। लोग प्रतिदिन वैदिक साहित्य का पठन करते थे, लेकिन वर्षा काल में वेद …
Read More »