बस्तर का दंतेवाड़ा जहां विराजमान है काकतीय राजवंश की कुलदेवी मां दंतेश्वरी। डकनी, शंखनी और धनकिनी नदी संगम तट पर माता का मंदिर अपनी पारंपरिक शैली में बना है वनवासियों की आराध्या दंतेश्वरी माई के दरबार से बस्तर के हर तीज-त्यौहार और उत्सव प्रारंभ होते हैं। अपनी समृद्ध वास्तु कला, …
Read More »जहाँ विराजी है मलयारिन माई : नवरात्रि विशेष
रायपुर से जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 पर विकास खंड मुख्यालय फरसगांव स्थित है। यहां से लगभग 16 कि. मी. दूर पश्चिम दिशा में पहाड़ियों से घिरा बड़ेडोंगर नामक गांव है, जहां पहले बस्तर की राजधानी हुआ करती थी। ग्राम बड़ेडोंगर के भैंसा दोंद डोंगरी ( महिषा द्वंद्व ) नामक …
Read More »बस्तर का हल्बा विद्रोह और ताड़ झोंकनी
काकतीय (चालुक्य) वंश के राजा दलपत देव (1716-1775) की दलपत देव की पटरानी रामकुँअर चँदेलिन थी एवं छ: अन्य रानियाँ थी। पटरानी के पुत्र का नाम अजमेर सिंह और दूसरी रानी के पुत्र का नाम दरियाव देव था। दरियाव देव उम्र में बड़ा था, इसलिए राजगद्दी पर अपना अधिकार जमा …
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