‘महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि।हरि प्रिये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे।।’ प्राचीन काल से श्री लक्ष्मी का संबंध धन-एश्वर्य, श्री कीर्ति से माना जाता है। पौराणिक शास्त्रों में लक्ष्मी के अष्ट रुप माने गए हैं, जो आदि लक्ष्मी या महालक्ष्मी, धन लक्ष्मी, धन्य लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, सनातना लक्ष्मी, विजया लक्ष्मी या जाया लक्ष्मी …
Read More »धरती के गर्भ से अनावृत हो रहा है प्राचीन नगर
राजा-रानी की कहानियाँ लोक का एक अंग है, दादी-नानी की कहानियों में भी राजा-रानी होते थे। जब किसी स्थल का पुरातात्विक उत्खनन प्रारंभ होता है। राजा-रानी एक बार फ़िर जीवित हो जाते हैं। कहीं राजा की मोतियों की माला मिलती है तो कहीं रानी का बाजूबंद और मुंदरी। फ़िर प्रमाण …
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