भारत को अंग्रेजों से मुक्ति सरलता से नहीं मिली। पूरा देश मानों भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने उठ खड़ा हुआ था। क्या नगर वासी, क्या ग्राम वासी और क्या वनवासी। सभी क्षेत्रों में क्रान्ति की ज्वाला धधक उठी। ऐसे ही क्राँतिकारी थे वनवासी गेंद सिंह जिन्होने छत्तीसगढ के बस्तर …
Read More »फाँसी से पहले हथौड़े से जिनके दाँत तोड़े, नाखून उखाड़े गये
12 जनवरी 1934 : दो क्राँतिकारियों सूर्यसेन और तारकेश्वर दत्त का बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास साधारण नहीं है। इसमें बलिदान के कुछ ऐसे प्रसंग भी हैं जिन्हें पढ़कर आत्मा काँप उठती है। क्राँतिकारी सूर्यसेन और तारकेश्वर दत्त को फाँसी देने से पहले अमानवीय यातनाएँ दी गई, हथौड़े से …
Read More »राष्ट्ररक्षा करते हुये दत्ता जी शिन्दे बलिदान
10 जनवरी 1760 दत्ता जी शिन्दे बलिदान भारतीय स्वतंत्रता का संघर्ष साधारण नहीं है। इसमें असंख्य बलिदान हुये हैं और सबसे बड़ी त्रासदी यह कि बाह्य आक्रमणकारियों की सहायता अनेक स्वदेशी राजाओं और सेनानायकों ने की है। विदेशी आक्रांता यदि भारत में सफल हुये हैं तो स्थानीय लोगों की सहायता …
Read More »युवकों को सशस्त्र क्रान्ति का प्रशिक्षण देने वाले क्रांतिकारी बारीन्द्रनाथ घोष
5 जनवरी 1880 : सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी बारीन्द्रनाथ घोष का जन्म दिवस अंग्रेजों से भारत की मुक्ति के लिये जिन क्राँतिकारियों ने अपनी स्वर्णिम सुख सुविधा का परित्याग करके बहुआयामी संघर्ष किये और जेल गये उनमें बारीन्द्र घोष भी हैं। उन्होंने प्रत्यक्ष संघर्ष तो किया ही साथ ही जन जागरण के …
Read More »समान नागरिक संहिता और अखंड भारत के समर्थक: श्री के. एम. मुंशी
30 दिसम्बर 1887 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लेखक और पत्रकार के एम मुंशी का जन्म दिवस भारतीय स्वाधीनता संग्राम में कुछ ऐसी दूरदर्शी विभूतियाँ रहीं हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिये सार्वजनिक संघर्ष किया, अनेक बार जेल गये और इसके साथ ही सांस्कृतिक मूल्यों की पुर्नप्रतिष्ठा का अभियान भी चलाया। ऐसे …
Read More »मणिपुर का शेर बीर टिकेंद्रजीत सिंह
मणिपुर राज्य की सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक परम्पराएँ और प्राकृतिक सौन्दर्य भारतवासियों के लिए गौरव के विषय हैं, तो उसका शौर्य, साहस एवं त्याग-बलिदान से परिपूर्ण इतिहास भारतवासियों के लिए प्रेरणास्रोत है। सन् १८९१ के एंग्लो-मणिपुर युद्ध में मणिपुर के बहादुर लोगों ने औपनिवेशिक शक्तियों का प्रतिरोध जिस वीरता और …
Read More »समरस, स्वत्व, साँस्कृतिक और सशक्त राष्ट्र स्वरूप के लिये जीवन समर्पित : सरदार वल्लभ भाई पटेल
15 दिसम्बर 1950 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आधुनिक भारत निर्माता सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि वल्लभभाई पटेल उन विरले महानायकों में से हैं जिन्होंने स्वतंत्रता के लिये तो संघर्ष किया ही। साथ ही भारतीय नागरिकों के स्वत्व और स्वाभिमान और नागरिक अधिकार के लिये भी संघर्ष किया। इसका उदाहरण …
Read More »अंग्रेजों के विरुद्ध सशस्त्र क्रांति करने वाले : वीर नारायण सिंह
स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी भारत में सुलग रही थी और राजे-रजवाड़े अंग्रेजी दमन के कारण अंग्रेजों के खिलाफ़ लामबंद हो रहे थे। उस समय यह स्वतंत्रता आन्दोलन पूरे भारत में फ़ैल रहा था। छत्तीसगढ़ अंचल भी इससे अछूता नहीं था। यहाँ भी 1857 के आन्दोलन में स्वतंत्रता की चाह लिए …
Read More »निर्भीक चिंतक और इतिहासकार वैद्य गुरुदत्त
8 दिसम्बर 1894 : निर्भीक चिंतक और इतिहासकार वैद्य गुरुदत्त का जन्म दिवस भारत को स्वतंत्र हुये सत्तहत्तर वर्ष हो गये हैं पर अभी भी ऐसी जन भावना मुखर नहीं हो सकी जो उन राष्ट्रसेवियों का खुलकर सम्मान करे जिन्होने राज्याश्रय की बिना परवाह किये परतंत्रता के अंधकार के बीच …
Read More »राष्ट्र जागरण और गौरक्षा के लिये समर्पित जीवन : संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी
9 अक्टूबर 1885 सुप्रसिद्ध संत और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रभुदत्त ब्रह्मचारी का जन्म दिवस भारतीय स्वतंत्रता के लिये जितना संघर्ष प्रत्यक्ष आँदोलन के लिये हुआ उससे कहीं अधिक उस अप्रत्यक्ष संघर्ष में जीवन समर्पित हुये जिन्होंने स्वाधीनता आँदोलन में तो भाग लिया ही साथ ही भारतीय संस्कृति के मानविन्दुओं और …
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