रघुकुल गौरव, अवध सिया के, दशरथ कोशला राम लिखूं। या रावण हंता, दुष्ट दलंता, लंका विजई सम्मान लिखूं। है अनुज दुलारे भरत भाल, जिन पर मैं अपना स्वास लिखू।है अनुज दुलारे लखन लाल, जिन पर मैं अपना विश्वास लिखूं। ये सम्मानित राघव रघु कुल, ना काम क्रोध मद लोभ लिखूं।केवट …
Read More »जब तक समर शेष है साथी मत लेना विश्राम
उठो पुनः हुंकार भरो करना है प्रभु का काम, जब तक समर शेष है साथी मत लेना विश्राम॥ सदियों के संघर्षों बलिदानों से तृषा छँटी है, अरुणाई की आहट है पौ देखो वहाँ फ़टी है। भारत माता पुनः हमारा करती है आह्वान। जब तक समर शेष है साथी मत लेना …
Read More »सबके भीतर में हैं बैठे राम
चाहते हो सुख शांति अगर, अपने घर परिवार में। रोक लगानी होगी सबको, भौतिकता की रफ्तार में।। मुँह फैलाये द्वार खड़ी है, सुरसा बनकर भौतिकवाद। इसी वजह से हो रही है, संस्कृति भी अपनी बर्बाद। रावण जैसे यहाँ चूर सभी हैं, कुलनाशक अहंकार में।।1।। पर्यावरण हो रहा प्रदूषित, अपने ही …
Read More »पकड़ लो हाथ रघुनन्दन
पकड़ लो हाथ रघुनन्दन, ये दिल फिर टूट ना जाए।प्रभु अब दे दो तुम दर्शन, कही सब छूट ना जाए।। समझ आती नही दुनिया, कठिन जीवन का ये आकार।यहां पल पल में है धोखा, कठिन तेरा है ये संसार।दिला दो ,शीश में आशीष, चरण रज छूट ना जाये।पकड़ लो हाथ …
Read More »हम हिंदू, हिंदुत्व हमारा
हम हिंदू, हिंदुत्व हमारा, है जानो आदत न्यारी।वीर, अहिंसक, धर्मव्रती हम, करुण-हृदय, सेवाधारी। मर्यादा में रहना हमको, रघुनंदन ने सिखलाया।जिसने रक्षा हेतु आन की, रावण को मार गिराया ।किया सफाया निशाचरों का, शांति धरा में लाने को,जूठे फल खा प्रेम निभाया, विप्र, धेनु, सुर हितकारी।हम हिंदू हिंदुत्व हमारा, है जानो …
Read More »गद्दारी ही उनकी चौखट
इतनी नफ़रत और कड़वाहट तौबा-तौबा क्यों जीवन से इतनी खटपट तौबा-तौबा दूजे को गाली देना ही दिनचर्या है हरकत कुछ बंदों की अटपट तौबा-तौबा जिस थाली में खाना उसमें छेद करेंगे कुछ बंदे होते हैं संकट तौबा-तौबा किसी भी खूँटे से बंधना हमसे न होगा भैया तुम ही पालो झंझट …
Read More »संघर्षों का वरण करो
देशभक्त हिंदुस्तानी हो, वीरों का अनुसरण करो।सहो नहीं अत्याचारों को, संघर्षों का वरण करो।। वतन-चमन को किया प्रदूषित,जहर उगलते व्यालों ने।गाली की हर सीमा लाँघी,इस युग के शिशुपालों ने।शांत चित्त रह चक्र चलाने, मोहन का अनुसरण करो।संकल्पों की भुजा उठाकर, संघर्षों का वरण करो।। हृदय-मंजूषा गर्व भरा हो,नस-नस में धधके …
Read More »हे मातृभूमे तुमको नमन
हे मातृभूमे! कर रहे, तव अर्चना तुमको नमन।प्रभु कर कमल की हो मनोहर सर्जना तुमको नमन।। अमरावती के देवगण,ले जन्म आते हैं जहाँ।रघुनाथ औ यदुनाथ भी,लीला रचाते हैं यहाँ। वो जीभ गल जाये करे जो भर्त्सना तुमको नमन।हे मातृभूमे! कर रहे तव अर्चना तुमको नमन।। सब ज्ञान औ विज्ञान की,उदगम …
Read More »मुक्त मुल्क हो गद्दारों से
राजनीति के गलियारे में, निंदा की लगती झड़ियाँ।आतंकी पोषित हैं किनके, जुड़ी हुई किनसे कड़ियाँ।।बंद करो घड़ियाली आँसू, सत्ता का लालच छोड़ो।बिखर रही है व्यर्थं यहाँ पर, गुँथी एकता की लड़ियाँ।। वह जुनून अब रहा नहीं क्यों, देश प्रेम का भाव नहीं।पनप रही कट्टरता केवल, लिए साथ अलगाव वहीं।।स्वर्ग धरा …
Read More »चरैवेति है मंत्र हमारा
जो बढ़ते जाते हैं प्रतिदिन, वे चरण हमारे हैं। श्रम से हमने इस जगती के भाग सँवारे हैं।। चरैवेति है मंत्र हमारा, यही है सुख का धाम।सतकर्मों का लक्ष्य हमारा, रखे हमें अविराम। मत समझो तुम राख हमें, जलते अंगारे हैं। जो प्रतिदिन बढ़ते जाते,वे चरण हमारे हैं।श्रम से हमने …
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