भारत को स्वतंत्रता सरलता से नहीं मिली। इसके लिये असंख्य बलिदान हुये हैं। यह बलिदान दोनों प्रकार के। एक वे जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दिया और दूसरे वे जिन्होंने देश स्वाधीनता का जन जागरण करने के लिये अपने संपूर्ण जीवन का समर्पण किया। श्यामलाल जी गुप्त ऐसे ही महामना …
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