बस्तर की जनजातीय अथवा लोक-भाषाओं की चर्चा करते हुए अनायास ही इन लोक भाषाओं में प्रचलित रही लोक कथाओं की सुध आ जाती है। और फिर जब लोक कथाओं की बात हो तो इन पर बात करते हुए मुझे अपनी नानी स्व. चन्द्रवती वैष्णव (खोरखोसा) और छोटे नाना स्व. तुलसीदास …
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