माघ सुदी त्रयोदशी विश्वकर्मा जयंती पर विशेष आलेख सृजन एवं निर्माण का के देवता भगवान विश्वकर्मा है, इसके साथ ॠग्वेद के मंत्र दृष्टा ॠषि भगवान विश्वकर्मा भी हैं। ऋग्वेद मे विश्वकर्मा सुक्त के नाम से 11 ऋचाऐं लिखी हुई है। जिनके प्रत्येक मन्त्र पर लिखा है ऋषि विश्वकर्मा भौवन देवता …
Read More »हाथी किला एवं रतनपुर के प्राचीन स्थल
बिलासपुर-कोरबा मुख्यमार्ग पर 25 किमी की दूरी पर प्राचीन नगर रतनपुर स्थित है। पौराणिक ग्रंथ महाभारत, जैमिनी पुराण आदि में इसे राजधानी होने का गौरव प्राप्त है। त्रिपुरी के कलचुरियों ने रतनपुर को अपनी राजधानी बनाकर दीर्घकाल तक शासन किया। इसे चतुर्युगी नगरी भी कहा जाता है, जिसका तात्पर्य है …
Read More »सरोवरों-तालाबों की प्राचीन संस्कृति एवं समृद्ध परम्परा : छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में तालाबों के साथ अनेक किंवदंतियां जुड़ी हुई है और इनके नामकरण में धार्मिक, ऐतिहासिक तथा सामाजिक बोध होते हैं। प्रदेश की जीवन दायिनी सरोवर लोक कथाओं तथा लोक मंगल से जुड़े हुए हैं। यहा तालाबों की बहुलता के पृष्ठभूमि में प्राकृतिक भू-संरचना, उष्ण-कटिबंधीय जलवायु नगर और ग्रामों का …
Read More »कोसल के कलचुरियों से बस्तर के सम्बन्ध
बस्तर रियासत पर रतनपुर के कलचुरि शासन के प्रभाव से सम्बन्धित कई तरह की कहानियाँ चलन में है; अत: थोडी बात कलचुरियों की। लगभग दसवी शताब्दी में त्रिपुरी से आ कर कलचुरियों की एक शाखा नें दक्षिण कोसल पर विजय हासिल की तथा कलिंगराज (1000-1020 ई.) नें अपनी सत्ता स्थापित …
Read More »शाक्त धर्म एवं महिषासुरमर्दिनी की प्रतिमाएं : छत्तीसगढ़
भारतवर्ष में मातृदेवी एवं शक्ति के रूप में देवी पूजन की परम्पराएं प्रचलित रही हैं। भारतीय संस्कृति की धार्मिक पृष्ठभूमि में शाक्त धर्म का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। सृष्टि के उद्भव से लेकर वर्तमान काल तक के संपूर्ण विकास में शक्ति पूजा का योगदान दिखाई देता है। नारी शक्ति को …
Read More »त्रिमूर्ति महामाया धमधा गढ़: छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
छत्तीसगढ़ का धमधा ऐतिहासिक तथ्यों और खूबियों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन सबसे अनोखा यहां का त्रिमूर्ति महामाया मंदिर है। जी हां, यह अनोखा इसलिए क्योंकि यहां तीन देवियों का संगम है, जो दूसरी जगह देखने को नहीं मिलता। यहां एक ही गर्भगृह में तीन देवियों- महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती …
Read More »जानिए प्राचीन काल से लेकर अद्यतन छत्तीसगढ़ की 6 राजधानियाँ
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस है, यह राज्य पहले मध्य प्रदेश का हिस्सा था।, राज्य एवं राष्ट्र सीमाओं से जाने जाते हैं, प्रत्येक राष्ट्र एवं राज्य की सीमाएं होती हैं और एक उनकी एक राजधानी होती है। समय के साथ राज्य की सीमाओं एवं राजधानियों परिवर्तन होता है। नये राज्य, नये …
Read More »दक्षिण कोसल : कल और आज -1
पृथ्वी की उत्पत्ति के उपरांत ही देश, काल के अनुसार ही दुनिया भर में स्थानों के नाम समय-समय पर बदलते रहे है। हमारे लेख का विषय छत्तीसगढ़, जिसे दक्षिण कोसल का नाम इतिहासकार देते हैं और आज भी दक्षिण कोसल ही छत्तीसगढ़ क्षेत्र की पहचान के रूप में मान्य है। …
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