छत्तीसगढ़ का लोकनाट्य मूलः ग्राम्य जन-जीवन और लोक कलाकारों का उत्पाद है। यह गाँवों से निकलकर नगरों और महा नगरों तक पहुँचा और ख्याति प्राप्त करते हुए एक लम्बी यात्रा की। छत्तीसगढ़ ही नहीं देश के अन्य प्रांतों के भी लोकनाट्य वाचिक परंपरा के ही उद्भव हैं। वाचिक परंपरा से …
Read More »जन-जागरण तथा सामाजिक क्रांति के अग्रदूत : पंडित सुन्दरलाल शर्मा
छत्तीसगढ़ केवल एक जनजातीय क्षेत्र ही नहीं है। यह एक ऐसा वैचारिक केन्द्र भी रहा है,जहाँ से एक सामाजिक परिवर्तन का सूत्रपात हुआ। शोषित उपेक्षित दलित समाज को मुख्यधारा में जोड़नेे का कार्य जहां से प्रारंभ हुआ, वह छत्तीसगढ़ ही है। इसमें पंडित सुन्दरलाल शर्मा की एक महती भूमिका रही …
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