बिंद्रानवागढ जमींदारी का इतिहास शुरु होता है लांजीगढ के राजकुमार सिंघलशाह के छुरा में आकर बसने से। तत्कालीन समय में यहां भुंजिया जाति के राजा चिंडा भुंजिया का शासन था। यहां की जमींदारी मरदा जमींदारी कहलाती थी। राजकुमार सिंघलशाह चूंकि एक राजपुत्र था, उसके छुरा में आकर बसने से चिंडा …
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