वर्तमान बस्तर अंचल को रामायण काल में दण्डकारण्य क्षेत्र के नाम से संबोधित किया जाता था। तब का दण्डकारण्य ओड़िसा जैपुर स्टेट, आंध्रप्रदेश का गोदावरी, महाराष्ट्र का चांदा, भण्डारा छत्तीसगढ़ का सिहावा, नगरी और कांकेर से वर्तमान बस्तर तक विस्तृत फैला हुआ था। इस महाअरण्य में ऋषि-मुनि तपस्या करते थे। …
Read More »दक्षिण कोसल की रामलीला एवं उसका सामाजिक प्रभाव : वेबीनार रिपोर्ट
दक्षिण कोसल की रामलीला एवं उसका सामाजिक प्रभाव विषय पर एक दिवसीय वेब संगोष्ठी का आयोजन सेंटर फॉर स्टडी ऑन होलिस्टिक डेवलपमेंट छत्तीसगढ़ तथा ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 19 जुलाई 2020 को हुआ। वेब संगोष्ठी में स्वागत उद्बोधन अयोध्या शोध संस्थान उत्तर प्रदेश …
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