साहित्य समाज का पहरुआ होता है। चाहे वह गीत, कविता, कहानी, निबंंध, नाटक या किसी अन्य साहित्यिक विधा में क्यों न हो। वह तो युगबोध का प्रतीक होता है। कवि वर्तमान को गाता है लेकिन वह भविष्य का दृष्टा होता है। साहित्य जो भी कहता है निरपेक्ष भाव से कहता …
Read More »छत्तीसगढ़ी भाषा और साहित्य : कितना पुराना है इतिहास?
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस एक नवम्बर 2022 पर विशेष भारत के प्रत्येक राज्य और वहाँ के प्रत्येक अंचल की अपनी भाषाएँ, अपनी बोलियाँ, अपना साहित्य, अपना संगीत और अपनी संस्कृति होती है । ये रंग -बिरंगी विविधताएँ ही भारत की राष्ट्रीय पहचान है, जो इस देश को एकता के मज़बूत …
Read More »छत्तीसगढ़ी के प्रथम नाटक के रचयिता : पंडित लोचन प्रसाद पाण्डेय
छत्तीसगढ़ के मनीषी साहित्यकारों में बहुमुखी प्रतिभा के धनी पंडित लोचन प्रसाद पाण्डेय का नाम प्रथम पंक्ति में अमिट अक्षरों में अंकित है। हिंदी और छत्तीसगढ़ी साहित्य को उनके अवदान का उल्लेख किए बिना प्रदेश का साहित्यिक इतिहास अपूर्ण ही माना जाएगा। कवि, कहानीकार, इतिहासकार और पुरातत्वविद तो वह थे …
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