29 अप्रैल 1547 में सुप्रसिद्ध दानवीर और राष्ट्रसेवी मेवाड़ के भामाशाह का जन्म दासत्व के अंधकार से भरी लंबी रात्रि के बीच यदि भारत में राष्ट्रभाव पल्लवित हो रहा तो इसके पीछे वे असंख्य विभूतियाँ हैं जिन्होंने अपना सर्वस्व समर्पित करके इस दीप को जलाये रखा। कुछ ने प्राण दिये …
Read More »महाराणा प्रताप महान, अकबर नहीं : विश्लेषण
*फारुखअहमदखान – केवल ‘महान‘ कह देने से या लिख देने से कोई ‘महान‘ नहीं हो जाता है। ‘महान‘ अथवा ‘महानता‘ का भावार्थ, ‘उत्कृष्ट, अति उत्तम, सर्वश्रेष्ठ तथा बहुत बढ़िया/शानदार, उद्देश्यपूर्ण कर्म, जिसमें व्यक्ति विशेष, स्वयं का त्याग/बलिदान/नि:स्वार्थ भाव/सहायता या भागीदारी प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित हो और जिसकी एक स्वर में …
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