जिसका मन सुंदर हो, उसे सारी दुनिया सुंदर नजर आती है। मन से सभी तरह के भेद मिट जाते है। ईश्वर की बनाई सारी रचना खूबसूरत जान पड़ती है। ऐसे ही भगवान राम हैं, उनके दर्शनों के लिए व्याकुलता से प्रतीक्षा करती शबरी से राम जी की भेंट का वर्णन …
Read More »प्राचीन नगर मल्हार का पुरातत्व
प्राचीन नगर मल्हार छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में अक्षांक्ष 21 90 उत्तर तथा देशांतर 82 20 पूर्व में 32 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। बिलासपुर से रायगढ़ जाने वाली सड़क पर 18 किमी दूर मस्तूरी है। वहां से मल्हार, 14 कि. मी. दूर है। देऊर मंदिर प्राचीन …
Read More »बहुआयामी जीवन संदर्भों के रचनाकार: नारायण लाल परमार
01 जनवरी, परमार जी के जन्मदिन पर केन्द्रित लेख कवि एक शब्द जरूर है, किन्तु कवि होने का अर्थ हर युग में एक नहीं रहा है। यह केवल कालगत सत्य नहीं है। एक ही समय में भी, विभिन्न परिस्थितियों वाले देशों में कवि होने का अर्थ बदल जाता है। कभी-कभी …
Read More »ह्रदय से अत्यंत ही भावुक लेकिन तेजस्वी नेता थे अटल बिहारी वाजपेयी : अशोक बजाज
भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है. हिमालय मस्तक है, कश्मीर किरीट है, पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं. पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघायें हैं. कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है. यह चन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है, यह तर्पण …
Read More »जन-जागरण तथा सामाजिक क्रांति के अग्रदूत : पंडित सुन्दरलाल शर्मा
छत्तीसगढ़ केवल एक जनजातीय क्षेत्र ही नहीं है। यह एक ऐसा वैचारिक केन्द्र भी रहा है,जहाँ से एक सामाजिक परिवर्तन का सूत्रपात हुआ। शोषित उपेक्षित दलित समाज को मुख्यधारा में जोड़नेे का कार्य जहां से प्रारंभ हुआ, वह छत्तीसगढ़ ही है। इसमें पंडित सुन्दरलाल शर्मा की एक महती भूमिका रही …
Read More »कलचुरी नरेश कर्णदेव जिन्हें इंडियन नेपोलियन कहा गया
अमरकंटक मेकलसुता रेवा का उद्गम स्थल है, यह पुण्य स्थली प्राचीन काल से ही ॠषि मुनियों की साधना स्थली रही है। वैदिक काल में महर्षि अगस्त्य के नेतृत्व में ‘यदु कबीला’ इस क्षेत्र में आकर बसा. वैदिक ग्रंथों के अनुसार विश्वामित्र के 50 शापित पुत्र भी यहाँ आकर बसे। उसके …
Read More »लाला जगदलपुरी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व हरिहर वैष्णव की कलम से
लाला जगदलपुरी बस्तर-साहित्याकाश के वे सूर्य हैं, जिनकी आभा से हिन्दी साहित्याकाश के कई नक्षत्र दीपित हुए और आज भी हो रहे हैं। ऐसे नक्षत्रों में शानी, डॉ. धनञ्जय वर्मा और लक्ष्मीनारायण “पयोधि” के नाम अग्रगण्य हैं। 17 दिसम्बर 1920 को जगदलपुर में जन्मे दण्डकारण्य के इस ऋषि, सन्त और …
Read More »जिनकी रचनाओं ने राष्ट्रीयता और देशप्रेम की भावना जगाई : राष्ट्रकवि पुण्यतिथि
आज राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की पुण्यतिथि है। इनका जन्म 3 अगस्त 1886 को छोटे से कस्बे चिरगांव में हुआ था जो झांसी से 35 किमी की दूरी पर है। राष्ट्रजीवन की चेतना को मंत्र स्वर देने वाले राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त को साहित्य जगत में दद्दा के नाम से जाना जाता …
Read More »जिनके चौबीस गुरु थे : भगवान दत्तात्रेय
भगवान दत्तात्रेय की माता अनुसइया एवं पिता अत्रि थे। दत्तात्रेय को विष्णु का अवतार माना जाता है। दत्तात्रेय के अन्य दो भाई चंद्र देव और ऋषि दुर्वाशा थे। चंद्रमा को ब्रह्मा और ऋषि दुर्वाशा को शिव का रूप ही माना जाता है। जिस दिन दत्तात्रेय का जन्म हुआ आज भी …
Read More »सोनाखान के बलिदानी वीरनारायण सिंह : पुण्यतिथि विशेष
स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी भारत में सुलग रही थी और राजे-रजवाड़े अंग्रेजी दमन के कारण अंग्रेजों के खिलाफ़ लामबंद हो रहे थे। उस समय यह स्वतंत्रता आन्दोलन पूरे भारत में फ़ैल रहा था। छत्तीसगढ़ अंचल भी इससे अछूता नहीं था। यहाँ भी 1857 के आन्दोलन में स्वतंत्रता की चाह लिए …
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