(14 अप्रेल, जयन्ती पर विशेष) दलितों के मसीहा, संविधान निर्माता, बाबा साहब आदि अनेकों विशेषणों से सम्बोधित किए जानेवाले डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल, 1891 को हुआ। भीमराव, रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की चौदहवीं संतान थे। वे हिन्दू महार जाति से …
Read More »कब होगा मूल्यांकन अर्थशास्त्री डॉ. आम्बेडकर का?
आर्थिक जगत में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के योगदान को हमेशा कमतर आंका गया है। डॉ. अम्बेडकर का कद इतना बड़ा था कि उसका आकलन छोटी बात नहीं है। आमतौर पर जन-जन में उनकी छवि संविधान निर्माता और युगांतरकारी नेता के रूप में ही प्रमुखता से रही है। अर्थ जगत में …
Read More »कणकाँ दी मुक गई राखी, ओ जट्टा आई बैसाखी
भारत कृषि प्रधान देश है, यहाँ के तीज त्यौहारों के मूल में कृषि कर्म ही दिखाई देता है। कोई त्यौहार फ़सल बोने की खुशी में मनाया जाता है तो कोई फ़सल काटने की। वर्षा होने की खुशी में तो वर्षाजनित रोगों की रोकथाम के लिए भी लोक पर्व मनाया जाता …
Read More »कबीर की तरह फक्कड़ कवि: भगवती सेन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं छत्तीसगढ़ी पाठ्यक्रम में पढ़ाये जाने वाले लोकप्रिय कवि और अपनी सुदीर्घ काव्य यात्रा में कवि भगवती लाल सेन साहित्य के जीवन अनुभवों के आन्दोलनों में न जानें कितनी परतों से होकर गुजरे हैं, कह पाना कठिन है। उनके काव्य में अभिजात्य कुलीन वर्ग अथवा व्यवस्था के विरूद्ध …
Read More »जय हनुमान ज्ञान गुन सागर : हनुमान जयंती विशेष
गोस्वामी तुलसीदासजी ने जब हनुमान चालीसा की रचना की तो बजरंग बलि का वर्णन “ज्ञान गुन सागर” कहकर किया। ज्ञान और गुण जिनके भीतर “महासागर” की भांति विद्यमान है वही “महावीर हनुमान” हैं। गोस्वामीजी ने आखिर ज्ञान और गुणों का महासागर हनुमानजी को ही क्यों कहा, हम इस पर ही …
Read More »दण्डकारण्य में राम : रामनवमी विशेष
बस्तर अपने प्राचीन पुरातात्विक महत्व, आरण्यक संस्कृति, दुर्गम वनांचल एवं अनसुलझे तथ्यों के लिए प्रसिद्ध है। बस्तर, दण्डक, चक्रकूट, भ्रमरकूट, महाकांतर जैसे अनेक नामों से परिभाषित धरती पर स्वर्ग का पर्याय है। बस्तर के पूर्वजों ने धर्म, विज्ञान, साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में जो पराक्रम किया है। वह …
Read More »क्या आप जानते हैं महिषासुर का वध कहाँ हुआ था?
महिषासुर राक्षस का उल्लेख देवी भागवत में हुआ है, जिसका संहार देवी दुर्गा ने किया था। वह पहाड़ी कन्दराओं एवं बीहड़ जंगलों में विचरण करता था । देवी भागवत में उपर्युक्त सभी कथाओं का वर्णन तो है, लेकिन महिषासुर का उद्भव कहाँ हुआ था? तथा उसका मर्दन किस स्थान पर …
Read More »पटनागढ़ के चौहान शासकों की देवी : पाटमेश्वरी
ब्राह्मणडीह ग्राम जिला महासमुन्द छ ग की प्राचीन जमींदारी सुअरमार अक्षांश 20°58’31.49 देशांश 82°27’25.46 में जोंक नदी एवम उसकी सहायक कांदाजरी नदी के दोआब व राष्ट्रीय राजमार्ग 243 पर माँ पाटमेश्वरी मन्दिर स्थित है। यहां दो तालाबो का समूह रहा, वर्तमान ब्रह्म ताल (27 एकड़) का निर्माण सम्भवतः कलचुरि काल …
Read More »भारतीय शास्त्रीय संगीत और लोकसंगीत
संगीत नामक शब्द से ही मन में स्वर लहरियाँ उत्पन्न होने लगती हैं, मन और आत्मा दोनो तरंगित हो उठते हैं, देह नृत्य करने लगती है, चेतना अपने उच्चतम स्तर पर उर्ध्वगामी हो जाती है। ऐसा ही है आनंद संगीत और स्वर का। यह एक ऐसी विधा है जिसने मानव …
Read More »दक्षिण कोसल के लोक साहित्य में राम
छत्तीसगढ़ी प्रहेलिकाओं में त्रेतायुगीन चरित्रों का भी संकेत मिलता है। राम यहां के जन जीवन में रमें हुए दिखाई देते हैं। विद्वानों का कथन है कि इस भू-भाग भगवान राम ने अपने वनवास का काफ़ी समय व्यतीत किया। छत्तीसगढ़ी की प्रहेलिकाओं में राम और सीता का स्थायीकरण हुआ है। राम …
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