लोकपर्व-खमरछठ (हलषष्ठी) माताओं का संतान के लिए किया जाने वाला, छत्तीसगढ़ राज्य की अनूठी संस्कृति का एक ऐसा पर्व है जिसे हर वर्ग, हर जाति मे बहूत ही सद्भाव से मनाया जाता है तथा संतान के सुखी जीवन की कामना की जाती है। हलषष्ठी को हलछठ, कमरछठ या खमरछठ भी …
Read More »लंका पर चढ़ाई करने के लिए श्री रामचंद्र जी ने इस दिन को चुना
श्रावण मास की पूर्णिमा जब चांद अपने पूर्ण यौवन पर होता है तब रक्षा बंधन का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। चाहे बंगाल हो या महाराष्ट्र, मद्रास हो या राजस्थान या मध्यप्रदेश सभी जगह यह त्यौहार बड़ी धूमधाम और पवित्रता के साथ मनाया जाता है। बंगाल में तो …
Read More »शिव का अघोरी रूप एवं महिमा
श्रावण मास में शिवार्चना पर विशेष आलेख त्रिदेवों में एक शिव का रूप और महिमा दोनों ही अनुपमेय है। वेदों में शिव को रुद्र के नाम से सम्बोधित क्रिया गया तथा इनकी स्तुति में कई ऋचाएं लिखी गई हैं। सामवेद और यजुर्वेद में शिव-स्तुतियां उपलब्ध हैं। उपनिषदों में भी विशेषकर …
Read More »नाग पंचमी का व्यापक अर्थ एवं मीमांसा
श्रावण मास के श्रुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भारत में नाग पंचमी मनाने की परम्परा है। हमारी सनातन परम्परा में नागों को देवता माना गया है, इसलिए इनकी पूजा के लिए एक दिन निर्धारित किया गया है। नाग पंचमी का संबंध सिर्फ एक सर्प विशेष से नहीं है प्रत्युत …
Read More »सुविख्यात वेदान्त विभूति श्रीपाद दामोदर सातवलेकर
वेद-वेदांग की पुर्नप्रतिष्ठा और सांस्कृतिक जागरण के लिये समर्पित जीवन भारत राष्ट्र के सांस्कृतिक गौरव का मूल वेद-वेदांग है। इसलिए विदेशी आक्रांताओं ने वेदों और उनकी महत्ता को धूमिल करने का प्रयत्न किया किंतु समय समय पर ऐसी विलक्षण विभूतियों ने जन्म लिया जिन्होंने अपना वेद-वेदांग के माध्यम से भारत …
Read More »अधिकमास होने के पीछे का आध्यात्म एवं विज्ञान
इस वर्ष 18 जुलाई से अधिकमास आरंभ हो रहा है जो 16 अगस्त तक रहेगा। भारतीय पंचांग का यह पुरुषोत्तम मास का विधान विज्ञान के निष्कर्ष, और आध्यात्म की साधना और समाज समन्वित स्वरूप रचना का अद्भुत निष्कर्ष है। विज्ञान की दृष्टि से अधिकमास की यह अवधि जहाँ सूर्य और …
Read More »उत्सवप्रिय छत्तीसगढ़ का हरेली तिहार
सावन का महीना अपनी हरितिमा और पावनता के कारण सबका मन मोह लेता है। सर्वत्र व्याप्त हरियाली और शिवमय वातावरण अत्यंत अलौकिक एवं दिव्य प्रतीत होता है। लोकजीवन भी इससे अछूता नहीं रहता। छत्तीसगढ़ में चौमासा श्रमशील किसानों के लिए अत्यंत व्यस्तता का समय होता है। खेती किसानी का कार्य …
Read More »वर्षा ॠतु में छत्तीसगढ़ी लोक जीवन की उमंग
छत्तीसगढ़ का अधिकांश भूभाग मैदानी है इसलिए यहाँ के जनजीवन में वर्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। क्योंकि यहाँ का लोक जीवन कृषि पर आधारित है। यही कारण है कि वर्षा ऋतु का जितनी बेसब्री से छत्तीसगढ़ में इंतज़ार होता है अन्यत्र कहीं नहीं होता? वर्षा की पहली फुहार से मिट्टी …
Read More »श्रावण मास का आध्यात्मिक एवं पौराणिक महत्व
हिन्दू पंचांग में काल गणना एवं बारह मासों की पृष्ठभूमि वैज्ञानिकता पर आधारित है। जिसमें श्रावण या सावन मास पांचवे स्थान पर है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई-अगस्त माह का समय श्रावण मास या सावन का होता है। यह मास जल के लिए जाना जाता है. साथ ही यह सृष्टि …
Read More »आषाढ़ी पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाने का रहस्य
गुरु पूर्णिमा अर्थात अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर की और यात्रा और व्यक्ति से लेकर राष्ट्र तक स्वाभिमान जाग्रत कराने वाले परम् प्रेरक के लिये नमन् दिवस। जो हमें अपने आत्मवोध, आत्मज्ञान और आत्म गौरव का भान कराकर हमारी क्षमता के अनुरूप जीवन यात्रा का मार्गदर्शन …
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