प्राचीनकाल से भारत भूमि में संत-महात्माओं, ॠषि-मुनियों की सुदीर्घ परम्परा रही है। संत-महात्माओं के आशीषों के फ़लों की किंदन्तियो, किस्से कहानियों के रुप में वर्तमान में चर्चा होती है तो उनके द्वारा दिए गये शापों की भी चर्चा होती है। ऐसा ही एक शाप लखनपुर को मिला था। जानकारों की …
Read More »मंदिरों की नगरी : प्रतापपुर
छत्तीसगढ़ के उत्तरांचल में जनजातीय बहुल संभाग सरगुजा है, यहाँ की प्राकृतिक सौम्यता, हरियाली, ऐतिहासिक व पुरातात्विक स्थलें, लोकजीवन की झांकी, सांस्कृतिक परंपराएं, रीति-रिवाज, पर्वत, पठार, नदियाँ कलात्मक आकर्षण बरबस ही मन को मोह लेते हैं। सरगुजा अंचल के नवीन उत्खनन ने तो भारत के इतिहास में एक नया स्वर्णिम …
Read More »ज्योतिष और खगोलशास्त्र के प्रकांड पंडित : महर्षि वाल्मीकि
भारत वर्ष ॠषि, मुनियों, महर्षियों की जन्म भूमि एवं देवी-देवताओं की लीला भूमि है। हमारी सनातन संस्कृति विश्व मानव समुदाय का मार्गदर्शन करती है, यहाँ वेदों जैसे महाग्रंथ रचे गए तो रामायण तथा महाभारत जैसे महाकाव्य भी रचे गये, जिनको हम द्वितीयोSस्ति कह सकते हैं क्योंकि इनकी अतिरिक्त विश्व में …
Read More »जिनकी रगों में दौड़ती थी भारतभक्ति की लहरें : भगिनी निवेदिता
स्वामी विवेकानन्द ने भगिनी निवेदिता से कहा था कि ‘भविष्य की भारत-संतानों के लिए तुम एकाधार में जननी, सेविका और सखा बन जाओ।’ अपने गुरुदेव के इस निर्देश का उन्होंने अक्षरश: पालन किया था। भारत की लज्जा और गर्व निवेदिता की व्यक्तिगत लज्जा और गर्व बन गये थे। किसी भी …
Read More »समर्पण और देशभक्ति की पर्याय : भगिनी निवेदिता
“भारतवर्ष से जिन विदेशियों ने वास्तविक रूप से प्रेम किया है, उनमें निवेदिता का स्थान सर्वोपरि है।” —अवनीन्द्रनाथ ठाकुर भारत भूमि और भारतीय संस्कृति के वैभवशाली स्वरुप के आकर्षण ने सदैव ही विदेशियों को प्रभावित किया और इसी कारण कुछ विदेशियों ने कर्मभूमि मानकर भारत की सेवा में पूरा जीवन …
Read More »शक्ति का उपासना स्थल खल्लारी माता
छत्तीसगढ़ अंचल की शाक्त परम्परा में शक्ति के कई रुप हैं, रजवाड़ों एवं गाँवों में शक्ति की उपासना भिन्न भिन्न रुपों में की जाती है। ऐसी ही एक शक्ति हैं खल्लारी माता। खल्लारी में माता जी की पूजा अर्चना तो प्रतिदिन होती ही है चैत और कुआंर कि नवरात्रि में …
Read More »जशपुर का परम्परागत दशहरा
भारत एवं छत्तीसगढ़ राज्य के कई रियासतकालीन दशहरा उत्सव प्रसिद्ध हैं, इन्ही में एक छत्तीसगढ़ के जशपुर का ऐतिहासिक एवं रियासतकालीन दशहरा महोत्सव भी आता है। अन्य क्षेत्रों की भांति शारदीय नवरात्रि के पहले ही दिन से यहां का ऐतिहासिक दशहरा उत्सव प्रारंभ होता है। जशपुर राजपरिवार यहाँ एक महत्वपूर्ण …
Read More »बस्तर का पचहत्तर दिनों तक चलने वाला प्रसिद्ध दशहरा
बस्तर अंचल में आयोजित होने वाले पारंपरिक पर्वों में बस्तर दशहरा सर्वश्रेष्ठ पर्व है। इसका संबंध सीधे महिषासुरमर्दिनी माँ दुर्गा से जुड़ा है। पौराणिक वर्णन के अनुसार अश्विन शुक्ल दशमी को माँ दुर्गा ने अत्याचारी महिषासुर को शिरोच्छेदन किया था। इसी कारण इस तिथि को विजयादशमी उत्सव के रूप में …
Read More »डिडिनेश्वरी माई मल्हार : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे प्राचीनतम नगर मल्हार, जिला मुख्यालय बिलासपुर से दक्षिण-पश्चिम में बिलासपुर से शिवरीनारायण मार्ग पर बिलासपुर से 17 किलोमीटर दूर मस्तूरी है, वहाँ से 14 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में जोंधरा मार्ग पर मल्हार नामक नगर है। यह नगर पंचायत 21• 55′ उत्तरी अक्षांश और 82• 22′ …
Read More »जटियाई माता : छत्तीसगढ़ नवरात्रि विशेष
छत्तीसगढ़ अंचल में अनेक ग्राम्य देवी-देवताओं की उपासना की जाती है, इसके साथ ही यहाँ शाक्त उपासना की सुदृढ़ परम्परा दिखाई देती है। मातृशक्ति के उपासक धान की कोठी छत्तीसगढ़ का एक छोटा सा विकास खंड मुख्यालय है छुरा, जो गरियाबंद जिले में अवस्थित है। छुरा से लगभग 9 किमी …
Read More »