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इतिहास

इतिहास विभाग में वैदिक साहित्य में इतिहास, पौराणिक इतिहास, जनजातीय कथाओं में इतिहास, रामायण, महाभारत एवं जैन-बौद्ध ग्रंभों में इतिहास, भारतीय राजवंशो का इतिहास, विदेशी आक्रमणकारियों (मुगल एवं अंग्रेज) का इतिहास, स्वात्रंत्येतर इतिहास, बस्तर भूमकाल विद्रोह, नक्सल इतिहास, घुमक्कड़ परिव्राजक ॠषि मुनि तथा आदिम बसाहटों के इतिहास को स्थान दिया गया है।

स्वामी विवेकानन्द की धर्म की अवधारणा

12 जनवरी युवा दिवस विशेष आलेख ‘उठो! जागो!…और लक्ष्य प्राप्ति तक रूको मत!‘ भारत की आध्यात्मिक शक्ति, सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का गौरव विश्वभर में स्थापित करते हुए मानवता के कल्याण और राष्ट्र पुनरूत्थान के प्रति जीवन समर्पित कर देने वाले युवा सन्यासी स्वामी विवेकानन्द का यह हृदयभेदी आह्वान …

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राष्ट्ररक्षा करते हुये दत्ता जी शिन्दे बलिदान

10 जनवरी 1760 दत्ता जी शिन्दे बलिदान भारतीय स्वतंत्रता का संघर्ष साधारण नहीं है। इसमें असंख्य बलिदान हुये हैं और सबसे बड़ी त्रासदी यह कि बाह्य आक्रमणकारियों की सहायता अनेक स्वदेशी राजाओं और सेनानायकों ने की है। विदेशी आक्रांता यदि भारत में सफल हुये हैं तो स्थानीय लोगों की सहायता …

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सोमनाथ मंदिर की लूट और पुजारियों और पचास हजार भक्तों का बलिदान

8 जनवरी 1026 सोमनाथ की लूट एवं नरसंहार इतिहास में कुछ तिथियाँ और उनमें घटी घटनायें ऐसी हैं कि जिनके स्मरण से आज भी रोंगटे होते हैं। ऐसी ही एक घटना है गुजरात के सोमनाथ मंदिर की लूट और वहां उपस्थित श्रद्धालुओं की सामूहिक हत्या काँड। सोमनाथ मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंग …

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भारतीय इतिहास में मुगलों का बड़ा सैन्य समर्पण

7 जनवरी 1738 : भोपाल युद्ध और दोराहा संधि इतिहास के पन्नों में एक ओर आक्रांताओं के क्रूरतम अत्याचार और विध्वंस का वर्णन है तो दूसरी ओर भारतीयों के शौर्य का विवरण भी। भोपाल के समीप हुआ यह एक ऐसा युद्ध था जिसमें मुगल, निजाम हैदराबाद, अवध एवं भोपाल नबाब …

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राजिमधाम की अधिष्ठात्री देवी माता राजिम

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित राजिम नगर को प्राचीन काल में पद्मावतीपुरी और कमल क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। ईसवी सन की चौथी-पांचवीं सदी में हैहयवंशी राजा जगतपाल के काल में तैलिक वंश की दिव्य नारी पद्मावती के पुण्य स्मरण में नगर का नाम पद्मावतीपुरी पड़ा था। …

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युवकों को सशस्त्र क्रान्ति का प्रशिक्षण देने वाले क्रांतिकारी बारीन्द्रनाथ घोष

5 जनवरी 1880 : सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी बारीन्द्रनाथ घोष का जन्म दिवस अंग्रेजों से भारत की मुक्ति के लिये जिन क्राँतिकारियों ने अपनी स्वर्णिम सुख सुविधा का परित्याग करके बहुआयामी संघर्ष किये और जेल गये उनमें बारीन्द्र घोष भी हैं। उन्होंने प्रत्यक्ष संघर्ष तो किया ही साथ ही जन जागरण के …

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जानिए प्राचीन काल गणना का इतिहास

एक जनवरी से अंग्रेजो का नया साल आरंभ हो रहा है, पूरी दुनियाँ वर्ष 2024 में प्रवेश करेगी। समय नापने की यह पद्धति ग्रेगोरियन कैलेण्डर के अनुसार है। पर यह ग्रेगोरियन कैलेण्डर पद्धति 2023 वर्ष पुरानी नहीं है। यह केवल 442 वर्ष पुरानी है और भारत में इसे लागू हुये …

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प्राण दे दिये पर धर्म न बदला

1 जनवरी 1670 : वीर गोकुल सिंह जाट बलिदान दिवस स्वाधीनता और स्वाभिमान के संघर्ष में असंख्य बलिदान हुये हैं। इतिहास की पुस्तकों में उनका विवरण नगण्य मिलता है। ऐसा ही बलिदान तिलपत में वीर गोकुल सिंह जाट का हुआ। यह बलिदान साधारण नहीं था। बंदी बनाकर ऐसी क्रूरतम मौत …

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समान नागरिक संहिता और अखंड भारत के समर्थक: श्री के. एम. मुंशी

30 दिसम्बर 1887 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लेखक और पत्रकार के एम मुंशी का जन्म दिवस भारतीय स्वाधीनता संग्राम में कुछ ऐसी दूरदर्शी विभूतियाँ रहीं हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिये सार्वजनिक संघर्ष किया, अनेक बार जेल गये और इसके साथ ही सांस्कृतिक मूल्यों की पुर्नप्रतिष्ठा का अभियान भी चलाया। ऐसे …

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मणिपुर का शेर बीर टिकेंद्रजीत सिंह

मणिपुर राज्य की सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक परम्पराएँ और प्राकृतिक सौन्दर्य भारतवासियों के लिए गौरव के विषय हैं, तो उसका शौर्य, साहस एवं त्याग-बलिदान से परिपूर्ण इतिहास भारतवासियों के लिए प्रेरणास्रोत है। सन् १८९१ के एंग्लो-मणिपुर युद्ध में मणिपुर के बहादुर लोगों ने औपनिवेशिक शक्तियों का प्रतिरोध जिस वीरता और …

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