यदि मनुष्य जो संवेदनाओं का पुंज है, मशीन की भांति ही कार्य करता रहे तो उसका जीवन सार्थक हो जाए। अतः समाज ने नाना कलाओं में पारंगत होकर समय-समय पर अन्य समाजों का मनोरंजन करने का काम करने लगे। ऐसी ही कलाओं में से कुछ कलाओं के नाम हैं – …
Read More »Yearly Archives: 2023
कोल जनजाति का देवलोक
भारतीय समाज और संस्कृति इंद्रधनुष की तरह विविध रंगी है। जिसमें जनजाति समुदायों के सांस्कृतिक छवि की पृथक ही पहचान है। उन जनजातियों में ‘कोल‘ प्रमुख है। कोल जनजाति भारत की प्राचीन जनजाति है और देश के विभिन्न भागों में यह निवास करती है। कोल जनजाति के नामकरण को लेकर …
Read More »हिन्दू योद्धा जिसका पूरा जीवन युद्ध में बीता
पिछले डेढ़ हजार वर्षों में पूरे संसार का स्वरूप बदल गया है । 132 देश एक राह पर, 57 देश दूसरी राह पर और अन्य देश भी अपनी अलग-अलग राहों पर हैं। इन सभी देशों उनकी मौलिक संस्कृति के कोई चिन्ह शेष नहीं किंतु हजार आक्रमणों के बाद यदि भारत …
Read More »लोक मंगल का नृत्य करमा
लोकगीत और लोकनृत्यों में छत्तीसगढ़ का उल्लासित परिवेश साकार हो उठता है। जन्म से मृत्यु पर्यंत, पर्व और उत्सवों में, जीवन की विसंगतियों में होता आया लोक नृत्यों आज भी जीवंत है,समूचे जनजीवन में। ऐसा ही एक लोक नृत्य है करमा, जो विविध परिवेश में प्रचलित है। इसे छत्तीसगढ़ के …
Read More »महानदी अपवाह तंत्र की व्यापारिक पथ प्रणाली : शोध पत्र
विश्व में प्राचीन सभ्यताओं का उदय नदियों की घाटी पर हुआ है। आरंभ में आदिम मानव के लिए स्वयं को लंबे समय तक सुरक्षित रख पाना बेहद ही चुनौती पूर्ण था। आदिम मानव का निवास जंगलों में नदी-नालों, झरनों एवं झीलों के आस पास रहा करता था। उसके लिए जंगली …
Read More »व्यापक और प्रचण्ड अवतार : परशुराम जी
झूठी है उनके क्रोधी होने और क्षत्रिय क्षय की बातें : अक्षय तृतीया विशेष लेख पृथ्वी पर सत्य, धर्म और न्याय की स्थापना के लिये भगवान् नारायण ने अनेक अवतार लिये हैं। इनमें परशुरामजी का अवतार पहला पूर्ण अवतार है। जो सर्वाधिक व्यापक है। संसार का ऐसा कोई कोना,कोई क्षेत्र …
Read More »आज तीन महान क्राँतिकारियों का बलिदान दिवस
षड्यंत्रकारी कलेक्टर को मारी थी गोली भारतीय स्वाधीनता संघर्ष में अनंत वीरों का बलिदान हुआ है। कुछ के तो नाम तक नहीं मिलते और जिनके नाम मिलते हैं उनका विवरण नहीं मिलता। नासिक में ऐसे ही क्राँतिकारियों का एक समूह था जिनमें तीन को फाँसी और दो को आजीवन कारावास …
Read More »स्वाधीनता संग्राम के दो ऐसे वीर जिनकी मृत्यु का कारण विश्वासघाती बने
यूँ तो भारत के इतिहास में राष्ट्र, संस्कृति समाज और स्वाभिमान रक्षा के लिये प्रतिदिन किसी न किसी न किसी क्राँतिकारी के बलिदान से जुड़ी है पर 18 अप्रैल की तिथि दो ऐसे महान क्राँतिकारियों के बलिदान की याद दिलाती है जिन्होंने जीवन की अंतिम श्वाँस तक संघर्ष किया और …
Read More »बाबा साहेब के व्यक्तित्व पर बचपन में मिले धार्मिक संस्कारों का प्रभाव
यह भारत भूमि की विशेषता है कि उसे समयानुकूल राजनीतिक, बौद्धिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक नेतृत्व प्राप्त होता रहा है। भारत को राजनीतिक रूप से एकसूत्र में बांधने का प्रश्न उठा, तब आचार्य चाणक्य सामने आए। विदेशी दमनकारी शक्तियों के सामने भारत के सामर्थ्य को प्रकट करने के लिए चंद्रगुप्त मौर्य, …
Read More »भारत के हर कोने में नरसंहार किये थे अंग्रेजों ने
जलियाँवाला बाग नर संहार 13 अप्रैल 1919 : विशेष आलेख आज जलियाँ वाला बाग नरसंहार को एक सौ तेइस वर्ष हो गये। इस दिन जनरल डायर के आदेश पर स्त्री बच्चों सहित निर्दोष नागरिकों पर गोलियाँ चलीं थी, और लगातार दस मिनट तक चलतीं रहीं थीं। इसमें तीन सौ से …
Read More »