हुतात्मा खुदीराम बोस बलिदान दिवस विशेष आलेख दुनियाँ में ऐसा कोई देश नहीं जो कभी न परतंत्रता के अंधकार में डूबा न हो। उनमें अधिकांश का स्वरूप ही बदल गया। उन देशों की अपनी संस्कृति का आज कोई अता पता नहीं है। लेकिन दासत्व के लंबे अंधकार के बाद भी …
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गंगा अवतरण : आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक रहस्य
भारतीय अस्मिता के जागरण एवं राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में अनेकानेक विभूतियों का महती योगदान रहा है। यदि भारत के प्राचीन काल के इतिहास को खंगाला जाय तो अनेक ऐसे अमर हुआत्माओं के नाम समक्ष आते है जिन्होने अपना सारा जीवन खपा दिया। हुतात्मा मात्र वह नही होता जो राष्ट्र …
Read More »सुप्रसिद्ध झंडा गीत रचने वाले पत्रकार श्याम लाल गुप्त
भारत को स्वतंत्रता सरलता से नहीं मिली। इसके लिये असंख्य बलिदान हुये हैं। यह बलिदान दोनों प्रकार के। एक वे जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दिया और दूसरे वे जिन्होंने देश स्वाधीनता का जन जागरण करने के लिये अपने संपूर्ण जीवन का समर्पण किया। श्यामलाल जी गुप्त ऐसे ही महामना …
Read More »अगस्त क्रान्ति : स्वाधीनता के सूर्योदय के लिये निर्णायक आँदोलन का उद्घोष
भारत के स्वाधीनता आँदोलन में 9 अगस्त वह ऐतिहासिक तिथि है जब स्वतंत्रता के लिये निर्णायक संघर्ष का उद्घोष हुआ था। इसलिए इसे अगस्त क्रान्ति कहा जाता है। स्वाधीनता आँदोलन के इतिहास में यह नौ अगस्त की तिथि दो महत्वपूर्ण स्मृतियों से जुड़ी है। पहली तिथि 9 अगस्त 1925 है …
Read More »छत्तीसगढ़ों में से एक गढ़ : बिन्द्रानवागढ़
राजाओं के शासन काल में दक्षिण कोसल में बहुत सारी जमीदारियाँ थी। बस्तर से सरगुजा तक अगर दृष्टिपात करें तो लगभग एक सैकड़ा जमीदारियाँ होंगी, जहाँ विभिन्न जाति एवं वर्ग के जमींदार शासन करते थे। वर्तमान में यह सब इतिहास की बातें हो गई परन्तु इनकी कहानियों में रहस्य, रोमांच …
Read More »नरोधी नर्मदा जहाँ झिरिया से बुलबुलों में निकलता है जल
लोक गाँवों में बसता है। इसलिए लोक जीवन में सरसता है। निरसता उससे कोसों दूर रहती है। लोक की इस सरसता का प्रमुख कारण, प्रकृति से उसका जुड़ाव है। लोक प्रकृति की पूजा करता है। आज भी गाँवों में जल को वह चाहे नदी हो, या तालाब का, किसी झरने …
Read More »काकोरी क्रांति के लिए शस्त्र उपलब्ध कराने वाले सेनानी
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जो सशस्त्र क्राँतिकारी सामने आये और उनके जीवन का बलिदान हुआ। इनके साथ ऐसे क्राँतिकारी भी असंख्य हैं जिन्होंने क्राँतिकारियों को शस्त्र और अन्य साधन उपलब्ध कराये। इनमें एक प्रमुख नाम प्रेमकृष्ण खन्ना हैं। जिन्होंने न केवल चंद्रशेखर आजाद को माउजर पिस्टल उपलब्ध कराई अपितु काकोरी …
Read More »प्राचीन गुरुकुल पद्धति और शिक्षा के सरोकार
‘‘या प्रथमा संस्कृति विश्वारा’’ अर्थात् भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृति है। विश्व इतिहास के अध्ययन से ज्ञात होता है कि प्राचीन काल में विश्व के दृश्य पटल पर यदि किसी देश की संस्कृति ने पूर्णता एवं दिव्यता के साथ-साथ सामाजिक वैज्ञानिक, दार्शनिक, आर्थिक समृद्धि एवं सांस्कृतिक-नैतिक श्रैष्ठता को प्राप्त …
Read More »सुविख्यात वेदान्त विभूति श्रीपाद दामोदर सातवलेकर
वेद-वेदांग की पुर्नप्रतिष्ठा और सांस्कृतिक जागरण के लिये समर्पित जीवन भारत राष्ट्र के सांस्कृतिक गौरव का मूल वेद-वेदांग है। इसलिए विदेशी आक्रांताओं ने वेदों और उनकी महत्ता को धूमिल करने का प्रयत्न किया किंतु समय समय पर ऐसी विलक्षण विभूतियों ने जन्म लिया जिन्होंने अपना वेद-वेदांग के माध्यम से भारत …
Read More »जलियां वाला बाग नरसंहार का लंदन में बदला लेने वाले वीर उधम सिंह
31 जुलाई 1940 : क्रान्तिकारी ऊधमसिंह का बलिदान दिवस कुछ क्रांतिकारी ऐसे हुए हैं जिन्होंने शांति के जगह क्रांति का रास्ता अपनाया, उन्होंने अंग्रेजों की नेस्तनाबूत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, ऐसे ही क्रान्तिकारी थे ऊधमसिंह, जिनको लंदन में 31 जुलाई 1940 को फांसी दी गई थी। सरदार …
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