भारत का हस्तशिल्प/ परम्परागत शिल्प विश्व प्रसिद्ध है, प्राचीन काल से ही यह शिल्प विश्व को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर करता रहा है। तत्कालीन समय में ऐसे शिल्पों का निर्माण हुआ जिसने विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया। नवीन अन्वेषण प्राचीन काल में परम्परागत शिल्पकारों द्वारा होते रहे हैं। …
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दक्षिण कोसल में संकर्षण प्रतिमाएं
बलराम अथवा संकर्षण कृष्ण के अग्रज थे और कृष्ण के साथ – साथ इनका भी चरित्र विभिन्न पुराणों और अन्य ग्रन्थों में विस्तार पूर्वक वर्णित है। वासुदेव कृष्ण के साथ वृष्णि कुल के पंचवीरों में संकर्षण बलराम को भी सम्मिलित किया गया है। विष्णु के दशावतारों में सम्मिलित देवता बलराम …
Read More »प्राकृतिक हरितिमा और भौगोलिक सौंदर्य का अतुलनीय संगम : कुआँ धाँस
छत्तीसगढ़ अपनी प्राकृतिक और नैसर्गिक सम्पदा के लिए देश के साथ-साथ पूरे विश्व में जाना जाता है। यहाँ के जंगलों, पहाडों और झरनों की प्रसिद्धि से पयर्टक और प्रकृति प्रेमी चिर परिचित हैं। बस्तर से लेकर सरगुजा और रायगढ़ से लेकर डोंगरगढ़ के ओर-छोर तक यहाँ प्राकृतिक सुषमा बिखरी हुई …
Read More »भारत को बाहरी विचारधाराओं, मजहबों की कोई आवश्यकता नहीं है : डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
डॉ. बी. आर. अम्बेडकर पुण्यतिथि 6 दिसम्बर पर विशेष आज कल राजनीतिक फायदे के लिए एक नई थ्योरी गढ़ी जा रही है -“जय भीम-जय मीम”। यानी चुनावी सियासत के लिए भारत के मुसलमानों और दलितों को एक हो जाना चाहिए। झूठी औऱ प्रयोजित आर्य इन्वेजन थ्योरी के खारिज होने के …
Read More »छत्तीसगढ़ से प्राप्त मुद्राओं पर प्रतिबिंबित शैव धर्म
इतिहास साक्ष्य सापेक्ष होता है। इतिहासकार पुरावशेषों से ज्ञात तथ्यों के आधार पर ही इतिहास का निर्माण करता है। प्राचीन मुद्राओं का इतिहास लेखन में विशिष्ट स्थान है। प्राचीन भारतीय इतिहास के अनेक तथ्यों के विषय में मुद्राएं ही साधन के रूप में प्रस्तुत होते हैं, जिससे इतिहास के अज्ञात …
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