यात्रा संस्मरण खरौद, महानदी के किनारे बिलासपुर से 64 कि. मी., जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय से 55 कि. मी., कोरबा से 105 कि. मी., राजधानी रायपुर से बलौदाबाजार होकर 120 कि. मी. और रायगढ़ से सारंगढ़ होकर 108 कि. मी. और शिवरीनारायण से मात्र 02 कि. मी. की दूरी पर बसा …
Read More »छत्तीसगढ़ में शिवोपासना की परंपरा
छत्तीसगढ़ वैदिक और पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों का विकास केंद्र रहा है। यहां प्राप्त मंदिरों, देवालयों और उनके भग्नावशेषों से ज्ञात होता है कि यहां वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध, जैन धर्म एवं संस्कृतियों का प्रभाव रहा है। शैवधर्म का छत्तीसगढ़ में व्यापक प्रभाव परिलक्षित होता है। जिसका प्रमाण …
Read More »