गोस्वामी तुलसीदासजी ने जब हनुमान चालीसा की रचना की तो बजरंग बलि का वर्णन “ज्ञान गुन सागर” कहकर किया। ज्ञान और गुण जिनके भीतर “महासागर” की भांति विद्यमान है वही “महावीर हनुमान” हैं। गोस्वामीजी ने आखिर ज्ञान और गुणों का महासागर हनुमानजी को ही क्यों कहा, हम इस पर ही …
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