कहानी वर्तमान कांकेर जिले के हल्बा गाँव के टिकरापारा की है, यह एक छोटा सा गांव हैं, जहाँ के एक तालाब की चर्चा करना उपयुक्त समझता हूँ, बात 1956-57 की है, बस्तर नरेश प्रवीण चंद भंजदेव टिकरापारा पहुंचे, उनके स्वागत में सारा गाँव इकट्ठा हुआ। गाँव की चौपाल में उनके …
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