प्रागैतिहासिक काल के मानव संस्कृति का अध्ययन एक रोचक विषय है। छत्तीसगढ़ अंचल में प्रागैतिहासिक काल के शैलचित्रों की विस्तृत श्रृंखला ज्ञात है। पुरातत्व की एक विधा चित्रित शैलाश्रयों का अध्ययन है। चित्रित शैलाश्रयों के चित्रों के अध्ययन से विगत युग की मानव संस्कृति, उस काल के पर्यावरण एवं प्रकृति …
Read More »आजादी के बाद राजा के निजी धन से निर्मित राजा तालाब
कहानी वर्तमान कांकेर जिले के हल्बा गाँव के टिकरापारा की है, यह एक छोटा सा गांव हैं, जहाँ के एक तालाब की चर्चा करना उपयुक्त समझता हूँ, बात 1956-57 की है, बस्तर नरेश प्रवीण चंद भंजदेव टिकरापारा पहुंचे, उनके स्वागत में सारा गाँव इकट्ठा हुआ। गाँव की चौपाल में उनके …
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