बस्तर संभाग में जनजाति बाहुल्य गांव में और मिश्रित जनजाति के गांव में दो धाराएं स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। एक धारा देव संस्कृति को मानने वाली होती है और दूसरी धारा देव संस्कृति के साथ वैदिक संस्कृति को भी अपने कार्य व्यवहार में समाहित कर लेती है। …
Read More »बस्तर का तीजा व्रत एवं तीजा जगार
छत्तीसगढ़ अंचल के अन्य त्यौहारों में तीजा व्रत भी प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार भासो मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को प्रदेश के सरगुजा क्षेत्र से लेकर बस्तर तक मनाया जाता है। पोला तिहार से इस पर्व की तैयारी प्रारंभ हो जाती है। विवाहित बेटियाँ-बहने अपने भाई के आने …
Read More »देवगुड़ी में विराजित भुमिहार देवता एवं मौली माता भुवनेश्वरी
लोक बगैर देव नहीं, देव बगैर लोक नहीं। सनातन संस्कृति में देवी/ देवताओं की स्थापना/आराधना की जाती है, इस संस्कृति की धारा में वैदिक, पौराणिक एवं लोक देवी/देवता होते हैं। इन देवी/देवों में लोक देवता मानव के सबसे करीबी माने जा सकते हैं क्योंकि ये स्वयं भू हैं, इनसे लोक …
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