स्वामी दयानंद सरस्वती की आज जयंती है। स्वामी दयानंद आर्य समाज के संस्थापक, आधुनिक भारत के महान चिंतक, समाज-सुधारक और देशभक्त थे। स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात के टंकारा में हुआ था। मूल नक्षत्र में जन्म होने के कारण उनका नाम मूलशंकर रखा गया। स्वामी …
Read More »भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता लाला लाजपत राय
उन्होंने कहा था -ग़ुलामी के बन्धनों में जीना याने स्वयं की ज़िन्दगी को तबाह करना है। लेकिन यह भी सच है कि आज़ादी भले ही हमें प्यारी हो, पर उसे पाने का रास्ता हमेशा कठिन चुनौतियों से भरा होता है। – अपने इन्हीं विचारों पर अडिग रहते हुए लाला लाजपतराय …
Read More »राष्ट्र के स्वत्व और स्वाभिमान की प्रतिष्ठापना के लिये समर्पित जीवन : स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती
23 दिसम्बर 1926 सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी स्वामी श्रृद्धानंद का बलिदान दिवस आर्यसमाज के प्रखर वेदज्ञवक्ता, उच्चकोटि के अधिवक्ता, ओजस्वी वक्ता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्राँतिकारियों की एक पूरी पीढ़ी तैयार करने वाले स्वामी श्रृद्धानंद की हत्या केवल एक धर्मान्ध कट्टरपंथी द्वारा की गई, हत्या भर नहीं थी बल्कि वह एक ऐसे …
Read More »प्रखर राष्ट्रवादी स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती
23 दिसंबर 1926 स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस एडवोकेट मुंशीराम से स्वामी श्रद्धानंद तक जीवन यात्रा विश्व के प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहद प्रेरणादायी है। स्वामी श्रद्धानंद उन बिरले महापुरुषों में से एक थे जिनका जन्म ऊंचे कुल में हुआ किन्तु बुरी लतों के कारण प्रारंभिक जीवन बहुत ही निकृष्ट किस्म …
Read More »ग़ुलामी के बन्धनों में जीना याने स्वयं की ज़िन्दगी को तबाह करना: लाला लाजपत राय
लाला लाजपत राय जयंती विशेष आलेख उन्होंने कहा था -ग़ुलामी के बन्धनों में जीना याने स्वयं की ज़िन्दगी को तबाह करना है। लेकिन यह भी सच है कि आज़ादी भले ही हमें प्यारी हो, पर उसे पाने का रास्ता हमेशा कठिन चुनौतियों से भरा होता है। – अपने इन्हीं विचारों …
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