भारत के राष्ट्रीय आंदोलन पर स्वामी विवेकानंद के प्रभाव का वर्णन स्वयं स्वतंत्रता के नायकों ने किया है। गांधीजी जब 1901 में पहली बार कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा लेने कलकत्ता पहुंचे तो उन्होंने स्वामी जी से मिलने का प्रयास भी किया था। अपनी आत्मकथा में गांधी लिखते हैं कि उत्साह …
Read More »भारत के हर कोने में नरसंहार किये थे अंग्रेजों ने
जलियाँवाला बाग नर संहार 13 अप्रैल 1919 : विशेष आलेख आज जलियाँ वाला बाग नरसंहार को एक सौ तेइस वर्ष हो गये। इस दिन जनरल डायर के आदेश पर स्त्री बच्चों सहित निर्दोष नागरिकों पर गोलियाँ चलीं थी, और लगातार दस मिनट तक चलतीं रहीं थीं। इसमें तीन सौ से …
Read More »आजादी के आंदोलन में छत्तीसगढ़ अंचल की भूमिका
गणतंत्र दिवस विशेष आलेख आजादी के आंदोलन में सक्रीय भागीदारी के साथ भारत को गणतंत्र के रुप में स्थापित करने में छत्तीसगढ़ अंचल की भी महती भूमिका रही है, यहाँ के लोगों के स्वातंत्र्य समर में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई। भारतीय दृष्टिकोण से 1857 की घटनाओं को देखने पर ज्ञात होता …
Read More »स्वातंत्र्य समर और गोपाल कृष्ण गोखले : जयंती विशेष
गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई 1866 को रत्नागिरी जिले के गुहालक तालुका के कोटलक ग्रामवासी चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी फिर भी इनके लिए अंग्रेजी शिक्षा की व्यवस्था की गई ताकि गोपाल कृष्ण गोखले ब्रिटिश शासन में क्लर्क की …
Read More »75 वर्ष स्वतंत्रता के : क्या खोया, क्या पाया
आजादी का अमृत महोत्सव विशेष आलेख भारत अपनी संस्कृति एवं सभ्यता के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। हमारे धर्मशास्त्र एवं पुराणों में जीवन जीने की कला के साथ साथ धर्म, आध्यात्म ,राजनीति, अर्थ व्यवस्था एवं विज्ञान की चमत्कृत कर देने वाली घटनाएँ एवं गाथाएँ मौजूद हैं। किसी भी …
Read More »नेता जी सुभाष चन्द्र बोस एवं महात्मा गांधी के मतभेद और मतांतर
त्रिपुरी अधिवेशन 1939 में कांग्रेस के वार्षिक अध्यक्ष पद हेतु गांधीयुगीन कांग्रेस में पहली बार चुनाव हुये थे, इस सनसनी खेज तथा आर-पार वाले चुनाव में सुभाष बाबू ने गांधी जी के समर्थित और प्रिय उम्मीदवार को परास्त किया। त्रिपुरी अधिवेशन के पहले कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सभी सदस्यों (जवाहर …
Read More »