महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में मंडनगढ से पांच मील की दूरी पर आंबवडे नामक देहात है। भीमराव अंबेडकर घराने का मूल गांव यही था। इस घर आने का कुल नाम सकपाल था। कुलदेवी की पालकी रखने का सम्मान इस महार घराने का था। महार जाति मजबूत कद काठी, जोरदार आवाज …
Read More »भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के पथप्रदर्शक
भारतीय इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण घटना भारत की स्वतंत्रता है। जो ब्रिटिश शासन के विरूद्ध एक अत्यंत कठिन और लंबी लड़ाई का अंत था। स्वतंत्रता किसी भी देश के नागरिकों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर अपनी राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं शिक्षा इत्यादि सभी क्षेत्रों में सर्वांगीण …
Read More »सुभाष चंद्र बोस और जवाहर लाल नेहरू
सुभाष चंद्र बोस जन्म दिवस विशेष आलेख गंगाधर नेहरू का परिवार दिल्ली से उखड़ गया और 1857 में आगरा पहुंचा। 34 वर्ष की आयु में 1861 के वर्ष उनका निधन हो गया। इसके 3 महीने बाद मोतीलाल नेहरू का जन्म हुआ। मोतीलाल जी के बड़े भाई वंशीधर नेहरू आगरा में …
Read More »नेता जी सुभाष चन्द्र बोस एवं महात्मा गांधी के मतभेद और मतांतर
त्रिपुरी अधिवेशन 1939 में कांग्रेस के वार्षिक अध्यक्ष पद हेतु गांधीयुगीन कांग्रेस में पहली बार चुनाव हुये थे, इस सनसनी खेज तथा आर-पार वाले चुनाव में सुभाष बाबू ने गांधी जी के समर्थित और प्रिय उम्मीदवार को परास्त किया। त्रिपुरी अधिवेशन के पहले कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सभी सदस्यों (जवाहर …
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