चैत्र शुक्ल द्वितीया – जन्म दिन पर विशेष संवत दस सौ सात मंझारा । चैत्र शुक्ल द्वितिया के वारा ॥ ग्राम नसरपुर सिंध प्रदेशा । प्रभु अवतरे हरे जन क्लेशा ॥ भारत के प्राचीन काल में सिंध प्रांत को भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता था क्योंकि सिंध प्रांत को …
Read More »सिंधड़ी दा, सेवण दा सखी शाहबाज कलंदर : संत झूलेलाल
भारत में विभिन्न धर्मों, समुदायों और जातियों का समावेश है इसलिए यहाँ अनेकता में एकता के दर्शन होते हैं। यह हमारे देश के लिए गर्व की बात है कि यहाँ सभी धर्मों के त्यौहारों को प्रमुखता से मनाया जाता है चाहे वह दीपावली हो, ईद हो, क्रिसमस हो या भगवान …
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