पकड़ लो हाथ रघुनन्दन, ये दिल फिर टूट ना जाए।प्रभु अब दे दो तुम दर्शन, कही सब छूट ना जाए।। समझ आती नही दुनिया, कठिन जीवन का ये आकार।यहां पल पल में है धोखा, कठिन तेरा है ये संसार।दिला दो ,शीश में आशीष, चरण रज छूट ना जाये।पकड़ लो हाथ …
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