8 दिसम्बर 1894 : निर्भीक चिंतक और इतिहासकार वैद्य गुरुदत्त का जन्म दिवस भारत को स्वतंत्र हुये सत्तहत्तर वर्ष हो गये हैं पर अभी भी ऐसी जन भावना मुखर नहीं हो सकी जो उन राष्ट्रसेवियों का खुलकर सम्मान करे जिन्होने राज्याश्रय की बिना परवाह किये परतंत्रता के अंधकार के बीच …
Read More »राजनैतिक संघर्ष के साथ स्वाभिमान और सामाजिक जागरण अभियान चलाने वाले काका कालेलकर
1 दिसम्बर 1885 : सुविख्यात शिक्षाशास्त्री, पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी काका कालेलकर का जन्म दिवस भारतीय स्वाधीनता संग्राम में कुछ सेनानी ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना संघर्ष केवल राजनैतिक अथवा अंग्रेजों से मुक्ति तक ही सीमित न रखा अपितु उन्होंने जीवन भर स्वाभिमान और सामाजिक जागरण का अभियान चलाया। …
Read More »जीवन की साधना के उत्सव हैं दीपोत्सव के पाँच दिन
भारत का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार दीपावली है। यह पाँच दिवसीय दीपों का उत्सव है। जो कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रियोदशी से आरंभ होकर कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया तक चलता है। पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन रूप चतुर्दशी, तीसरे दिन दीपावली, चौथे दिन गोवर्धन पूजन और पाँचवे दिन भाई दूज से इस …
Read More »स्वदेशी और स्वाधीनता आँदोलन को गति देने वालों में अग्रणी विपिन चंद्र पाल
स्वतंत्रता आँदोलन के अग्रणी नेताओं में “लाल, बाल, पाल” के रूप “त्रिदेव” के नाम आते हैं जिन्होंने सबसे पहले पूर्ण स्वतंत्रता और पूर्ण स्वदेशी का नारा लगाया था। विपिनचंद्र पाल इन “त्रिदेव” में से एक थे और अन्य दो लाला लाजपतराय एवं लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक थे। इन्हीं त्रिदेव ने …
Read More »काले पानी की सजा काट भगतसिंह राजगुरु जैसे क्राँतिकारी तैयार करने वाले भाई परमानंद
4 नवम्बर 1870 : सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी भाई परमानन्द का जन्म दिवस विशेष सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी भाई परमानन्द का जन्म 4 नवम्बर 1870 को झेलम जिले के करियाला गाँव में हुआ। यह क्षेत्र अब पाकिस्तान मे है। भाई जी के परिवार की पृष्ठभूमि राष्ट्र और संस्कृति के लिये बलिदान की रही है। …
Read More »समरस, स्वत्व, साँस्कृतिक और सशक्त राष्ट्र स्वरूप के पक्षधर थे सरदार वल्लभ भाई पटेल
31 अक्टुबर आधुनिक भारत शिल्पी सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म दिवस विशेष सरदार वल्लभ भाई पटेल उन विरले महानायकों में से हैं जिन्होंने स्वतंत्रता के लिये तो संघर्ष किया ही साथ ही भारतीय नागरिकों के स्वत्व और स्वाभिमान और नागरिक अधिकार के लिये भी संघर्ष किया। इसका उदाहरण खेड़ा …
Read More »संसार का पहला महाकाव्य रचने वाले महर्षि वाल्मीकि
महर्षि वाल्मीकि का जन्म शरद पूर्णिमा को हुआ था। वे भारत की उन विरली विभूतियों में से एक हैं, जिन्हें हर समाज अपना पूर्वज मानता है। ब्राह्मण समाज ऋषि पुत्र मानता है तो भील वनवासी समाज उन्हें अपना पूर्वज मानते हैं, दलित वर्ग में तो वाल्मीकि समाज की गणना होती …
Read More »तेरह वर्ष की आयु से चला गिरफ्तारी और रिहाई का सिलसिला : क्राँतिकारी मन्मन्थनाथ गुप्त
26 अक्टूबर 2000 सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी और लेखक मन्मन्थनाथ गुप्त पुण्यतिथि विशेष सुप्रसिद्ध साहित्यकार और क्राँतिकारी मन्मन्थनाथ गुप्त ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे जिनकी गिरफ्तारियाँ तीनों कार्यों में हुई। क्राँति के प्रचार में, क्राँति में सहभागिता में और साहित्य रचना में भी। उनकी पहली गिरफ्तारी तेरह वर्ष की आयु में हुई …
Read More »सत्य की स्थापना के लिये शक्ति, शस्त्र और सक्षमता आवश्यक : दशहरा विशेष
सनातन परंपरा में मनाये जाने वाले तीज त्यौहार केवल उत्सव भर नहीं होते उनमें जीवन को सुन्दर बनाने का संदेश होता है। दशहरा उत्सव में भी संदेश है। यह संदेश है व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र की समृद्धि का जो इसकी कथा और उसे मनाने के तरीके से बहुत स्पष्ट …
Read More »गौरक्षा के लिये 166 दिन अनशन कर देश में जाग्रति उत्पन्न की : संत रामचंद्र वीर
12 अक्टूबर 1909 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और संत रामचंद्र वीर का जन्म दिवस स्वामी रामचंद्र वीर एक ऐसे संत और राष्ट्रीय संस्कृति के लिये समर्पित विभूति थे जिन्होंने दासत्व काल में जहाँ स्वतंत्रता के लिये संघर्ष किया तो स्वतंत्रता के बाद स्वत्व, स्वाभिमान और सांस्कृतिक मूल्यों की प्रतिष्ठापना के …
Read More »