स्वामी विवेकानन्द ने 19 मार्च, 1894 को स्वामी रामकृष्णानन्द को लिखे पत्र में कहा था – “भारत के अंतिम छोर पर स्थित शिला पर बैठकर मेरे मन में एक योजना का उदय हुआ- मान लें कि कुछ निःस्वार्थ सन्यासी, जो दूसरों के लिए कुछ अच्छा करने की इच्छा रखते हैं, …
Read More »हे भारत ! क्या तुम्हें याद है ?
स्वामी विवेकानंद का राष्ट्रध्यान 25, 26 तथा 27 दिसंबर, 1892 आज 25 दिसंबर को दुनियाभर में “क्रिसमस” पर्व की धूम है। भारत में भी जगह-जगह क्रिसमस की शुभकामनाओंवाले पोस्टर्स, बैनर, ग्रीटिंग्स का माहौल है। पर 25 दिसंबर, हम भारतीयों के लिए क्या महत्व रखता है? इस बात को समझना होगा। …
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