छत्तीसगढ़ अंचल के पुरास्मारकों की प्रतिमाओं में विभिन्न तरह के केश अलंकरण दिखाई देते हैं। मंदिरों की भित्तियों में स्थापित प्रतिमाओं में कालखंड के अनुरुप स्त्री-पुरुष का केश अलंकरण दिखाई देता है। उत्त्खनन में केश संवारने के साधन प्राप्त होते हैं, जिनमें डमरु (बलौदाबाजार) से प्राप्त हाथी दांत का कंघा …
Read More »नारायणपुर का प्राचीन शिवालय
नारायणपुर का प्राचीन मंदिर अपनी मैथुन प्रतिमाओं के लिए प्रसिद्ध है। कसडोल सिरपुर मार्ग पर ग्राम ठाकुरदिया से 8 किमी की दूरी पर नारायणपुर ग्राम में यह 11 वीं शताब्दी का मंदिर स्थित है। यह पूर्वाभिमुखी मंदिर महानदी के समीप स्थित है। इसका निर्माण बलुआ पत्थरों से हुआ है। शिवालय …
Read More »प्रसिद्ध मिजारू, किकाजारू, इवाजारू नामक बुद्धिमान बंदर
बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो, बुरा मत देखो की उक्ति को परिभाषित करते हुए तीन बंदर गांधी जी के कहलाते हैं। सहज बोल-चाल में गांधी जी के बंदर कह दिए जाते हैं। प्रश्न यह आता है कि गांधी जी के बंदरों के नाम से प्रसिद्ध वे तीन बंदर किसके …
Read More »दण्डकारण्य स्थित वह स्थल जहाँ मान्यता है कि वनवास काल में भगवान राम पहुंचे थे
छत्तीसगढ़ अंचल की प्राकृतिक सुंदरता का कोई सानी नहीं है। नदी, पर्वत, झरने, गुफ़ाएं-कंदराएं, वन्य प्राणी आदि के हम स्वयं को प्रकृति के समीप पाते हैं। अंचल के सरगुजा क्षेत्र पर प्रकृति की विशेष अनुकम्पा है, चारों तरफ़ हरितिमा के बीच प्राचीन स्थलों के साथ रमणीय वातावरण मनुष्य को मोहित …
Read More »जानिए कौन सा स्थान है जहाँ सीता जी ने लिखना सीखा था?
शंख लिपि प्राचीन लिपि है, माना जाता है कि इसका उद्भव ब्राह्मी लिपि के साथ ही हुआ, यह भारत के कई प्राचीन स्थलों में दिखाई देती है। इसके वर्णों की आकृति शंख जैसे होने के कारण इसे शंख लिपि कहा गया। इसके साथ ही विडम्बना यह है कि इसे पढ़ा …
Read More »जिसकी समृद्धि का उल्लेख व्हेनसांग ने अपने यात्रा वृतांत में किया, क्यों उजड़ा वह नगर?
दक्षिण कोसल की एक प्रमुख पुरा धरोहर सिरपुर है, किसी जमाने में यह समृद्ध सर्वसुविधा युक्त विशाल एवं भव्य नगर हुआ करता था, जिसके प्रमाण आज हमें मिलते हैं। यह कास्मोपोलिटिन शहर शरभपुरियों एवं पाण्डुवंशियों की राजधानी रहा है और यहाँ प्रसिद्ध चीनी यात्रा ह्वेनसांग के भी कदम पड़े थे, …
Read More »छत्तीसगढ़ के सरगुजा अंचल में मृतक स्मारक एवं सती स्तंभ : एक अनुशीलन
जब भारत में इस्लाम द्वारा सिंध, पंजाब और राजपूत क्षेत्रों पर आक्रमण किया जा रहा था। इन क्षेत्रों की महिलाओं को उनके पति की हत्या के बाद इस्लामी हाथों में ज़लील होने से बचाने के लिए पति के शव के साथ जल जाने की प्रथा पर जोर दिया गया।
Read More »दूसरी शताब्दी का दुर्लभ युप स्तंभ लेख जिसमें तत्कालीन शासकीय अधिकारियों के नाम एवं पदनाम उल्लेखित हैं
छत्तीसगढ़ में पुरातत्व से संबंधित कुछ ऐसी दुर्लभ चीजे हैं जो अन्य कहीं पर नहीं मिलती, इनमें से एक ग्राम किरारी से प्राप्त सातवाहनकालीन दूसरी शताब्दी का काष्ठस्तंभ लेख है। जो वर्तमान में महंत घासीदास संग्रहालय रायपुर की दीर्घा में प्रदर्शित है। दुर्लभ इसलिए है कि हमें शिलालेख, ताम्रपत्र, सिक्कों …
Read More »पर्यावरण : प्रकृति के सानिध्य ने बचाए कैंसर से प्राण
जिन्दगी कैरमबोर्ड जैसी होती है, बोर्ड पर जमी हुई गोटियाँ मनुष्य के पारिवारिक सपने। जरा भी ठोकर लगी और सपने कैरम की गोटियों की मानिंद बिखर जाते हैं। बिरले ही होते हैं जो जीवन की गोटियों को फ़िर से जमाने की और नया खेल शुरु करने की हिम्मत जुटा पाते …
Read More »ऐसा स्थान जहाँ पितर देवता भी आम के स्वाद से वंचित नहीं रहते
आम के साथ बचपन के दिन भी जुड़े हैं, जब स्कूल से भागकर टिकोरों के चक्कर में मीलों दूर तक की धरती नाप आते थे। ऐसे ही हमारे देश का राष्ट्रीय फ़ल आम को नहीं बनाया गया है। इसमें गुण भरे पड़े हैं, पर आयुर्वेद की दृष्टि से अवगुण भी …
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