कालीदास की तपोभूमि कहे जाने वाले विश्व प्रसिद्ध रामगिरि रामगढ़ पर्वत पर मेला लगने का शुभारंभ कब से हुआ इसका कोई लिखित एतिहासिक प्रमाण तो नहीं मिलता और ना ही कोई चश्मदीद गवाह बाकी है। अपितु अंदाजा लगाया जाता है कि उस जमाने में कल्चुरी राजाओं के बाद के हुक्मरानों …
Read More »सामाजिक समरसता एवं भक्ति की अनुपम प्रतीक देवी शबरी
फाल्गुन कृष्ण पक्ष सप्तमी : शबरी माता जयंती भक्त शिरोमणि शबरी वनवासी भील समाज से थी। फिर भी मातंग ऋषि के गुरु आश्रम की उत्तराधिकारी बनी। रामजी ने उनके जूठे बेर खाये। यह कथा भारतीय समाज की उस आदर्श परंपरा का उदाहरण है कि व्यक्ति को पद, स्थान और सम्मान …
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