छत्तीसगढ़ प्राकृतिक वैभव से परिपूर्ण, वैविध्यपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना तथा अपने गौरवपूर्ण अतीत को गर्भ में समाए हुआ है। प्राचीन काल में यह दंडकारण्य, महाकान्तार, महाकोसल और दक्षिण कोसल कहलाता था। दक्षिण जाने का मार्ग यहीं से गुजरता था इसलिए इसे दक्षिणापथ भी कहा गया ऐसा विश्वास किया जाता …
Read More »जहाँ श्रीराम जानकी मंदिर में रावण का पहरा है
छत्तीसगढ़ के नवगठित मुंगेली जिले की पश्चिमी सीमा पर टेसुवा नाला के तट पर स्थित सेतगंगा में एक अद्वितीय श्रीराम जानकी मंदिर है, जिसकी तीन विशेषताएं हैं। पहला, यहां नर्मदा कुंड है। दूसरा, यहां के मंदिर की दीवारों में मिथुन मूर्तियां हैं और तीसरा, मंदिर के द्वार पर रावण की …
Read More »एक सौ इकसठ वर्ष की कानूनी लड़ाई एवं महत्वपूर्ण घटनाक्रम
अयोध्या में रामजन्म स्थान मुक्ति के लिये सशस्त्र संघर्ष और बलिदान का ही सबसे लंबा इतिहास नहीं है। इतनी लंबी अवधि तक चलने वाली कानूनी लड़ाई का उदाहरण भी दुनियाँ में दूसरा नहीं है। कोई पाँच सौ वर्षों के कुल संघर्ष में लगभग एक सौ साठ साल कानूनी लड़ाई के …
Read More »अवध वहीं जहाँ राम गुण आचरण
गोस्वामी तुलसीदास जी रचित श्रीरामचरितमानस में वर्णित लक्ष्मण-सुमित्रा संवाद में लक्ष्मण भावपूर्ण होकर कहते हैं-‘‘अवध तहाँ जहँ राम निवासु। तहँइँ दिवसु जहँ भानु प्रकासू।। इसका भावार्थ है कि ‘जहाँ सूर्य का प्रकाश हो वहीं दिन होता है, इसी प्रकार जहाँ श्रीराम का निवास हो वहीं अयोध्या है।‘ मानस में इस …
Read More »